पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) ने शनिवार को भारतीय सैनिकों (Indian Army) पर नियंत्रण रेखा (LoC) पर आम लोगों को निशाना बनाने के लिये क्लस्टर बम (Cluster Bomb) के इस्तेमाल का आरोप लगाया. हालांकि भारतीय सेना ने इन आरोपों को "पूरी तरह दुष्प्रचार" बताते हुए नकार दिया. पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जिनेवा संधि और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के इस "उल्लंघन" पर ध्यान देना चाहिये. गफूर ने कहा, "भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर आम लोगों को निशाना बनाने के लिये जानबूझकर क्लस्टर एम्यूनेशन का इस्तेमाल किया. यह जेनेवा संधि और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन है."
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने 30 जुलाई की रात नीलम घाटी में आम लोगों को निशाना बनाया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 11 लोग घायल हो गए. मृतकों में चार साल का एक बच्चा भी शामिल है. वहीं, नयी दिल्ली में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसके आरोप "पूरी तरह से दुष्प्रचार" हैं. इससे अलग, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत द्वारा कथित रूप से क्लस्टर बमों के इस्तेमाल का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाएगा.
Indian Army: Such responses are only against military targets & infiltrating terrorists who are aided by the Pakistan Army. Allegations of firing of cluster bombs by India is yet another Pakistan's lie, deceit & deception. https://t.co/09twKEpwJs
— ANI (@ANI) August 3, 2019
कुरैशी ने ट्वीट किया, "भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा नियंत्रण रेखा पर आम लोगों को निशाना बनाकर स्पष्ट रूप से किये गए क्लस्टर बमों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता हूं. यह स्पष्ट रूप से जेनेवा संधि और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन है." नयी दिल्ली में सेना के अधिकारियों ने कहा कि कुरैशी द्वारा ट्विटर पर साझा की गईं तस्वीरें मोर्टार बमों की हैं न कि क्लस्टर बमों की. सेना के शीर्ष अधिकारी ने कहा, "तस्वीरें मोर्टार बमों की हैं न कि क्लस्टर बमों की." यह भी पढ़ें- जम्मू कश्मीरः शोपियां एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने दूसरे आतंकी को भी मार गिराया, कई हमलों में था शामिल
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना नियमित रूप से आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश करती रहती है और हथियारों का जखीरा देकर उनकी मदद करती है. सेना के अधिकारियों ने कहा कि भारत ने दोनों देशों के बीच सैन्य संचालन निदेशालय स्तर की कई वार्ताओं के दौरान इस तरह के कृत्यों का जवाब देने के अधिकार को दोहराया है.