COVID-19 को लेकर बड़ा खुलासा, भारत में मार्च-मई में फैला था कोरोना का नया सुपर-स्प्रेडर स्ट्रेन
कोरोना वायरस महामारी से लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार भारत में संक्रमण की रफ़्तार धीमी हो रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि कोविड-19 के दैनिक नये मामलों में तेजी से कमी आई है और मरीजों के स्वास्थ्य होने की दर बढ़ रही है. साथ ही साथ मृत्यु दर घट रही है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार भारत में संक्रमण की रफ़्तार धीमी हो रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि कोविड-19 के दैनिक नये मामलों में तेजी से कमी आई है और मरीजों के स्वास्थ्य होने की दर बढ़ रही है. साथ ही साथ मृत्यु दर घट रही है. इस बीच विशेषज्ञों ने एक चौंकानेवाला खुलासा किया है. कुछ महीने पहले भारत में भी कोरोनो वायरस के म्यूटेशन हुए थे और तब मरीजों में सुपर-स्प्रेडर कोविड स्ट्रेन मिले थे. ब्रिटेन से केरल पहुंचे 8 लोग COVID-19 से पीड़ित, प्रशासन हुआ हाई अलर्ट
ब्रिटेन की तरह ही भारत में भी मार्च-मई में अत्यधिक संक्रामक वायरस देखने को मिले थे. इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के निदेशक अनुराग अग्रवाल (Anurag Agrawal) ने द प्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि भारत ने भी मार्च और मई के बीच बिल्कुल यूनिक कोरोनो वायरस के प्रकोप का सामना किया है. महाराष्ट्र : ब्रिटेन से लौटे एक व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई
आईजीआईबी (IGIB) अधिकारी के अनुसार म्युटेंट वायरस को A4 नाम दिया गया था और इसे मार्च-मई में भारत में सुपर स्प्रेडर इवेंट के रूप में देखा गया था. तब देश के कई मेट्रो शहरों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे थे. इस वायरस की शुरुआत दक्षिण-पूर्व एशिया में हुई और सुपर स्प्रेडर इवेंट बन गया. अग्रवाल ने कहा कि तब संक्रमण के मामले दिल्ली, हैदराबाद और कर्नाटक में भी देखे गए थे. हालांकि, जून तक यह खुद ही समाप्त हो गया.
विशेषज्ञ ने बताया कि बहुत अधिक म्युटेट होने के कारण A4 एक फिट वायरस नहीं था इसलिए जून तक खुद मर गया. पहले ही इसके खुद खत्म होने की उम्मीद की जा रही थी, इसलिए तब किसी तरह का पैनिक नहीं था. ब्रिटेन से इंदौर लौटे एक और व्यक्ति में मिला कोराना वायरस संक्रमण
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या आज (26 दिसंबर) 97.5 लाख के करीब पहुंच गई है. भारत की कुल रिकवरी विश्व में सर्वाधिक है. बढ़ती रिकवरी से आज रिकवरी दर भी सुधर कर 95.78 प्रतिशत तक पहुंच गई. भारत में वर्तमान में सक्रिय मामले 2,81,667 हैं जो भारत के कुल पॉजिटिव मामलों का 2.77 प्रतिशत है. राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुरूप, सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की रिकवरी दर 90 प्रतिशत से अधिक है. Coronavirus Mutant Strain: एक हफ्ते में 800 से अधिक पर्यटक ब्रिटेन से पहुंचे राजस्थान, 28 जिलों में किया प्रवेश
वहीं, दैनिक नये मामले पिछले 13 दिनों से 30,000 से कम रहे हैं. देश में पिछले 24 घंटों में 22,273 नये मामले दर्ज किए गए. पिछले 29 दिनों से देश में रोजाना स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या दैनिक नये मामलों की तुलना में अधिक रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान 22,274 मामलों की रिकवरी हुई तथा उन्हें डिस्चार्ज किया गया. आंध्र प्रदेश: ब्रिटेन से लौटे हजार से अधिक लोगों में से चार की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि
केरल ने 5,397 मामलों के साथ सर्वोच्च दैनिक नये मामले दर्ज किए. 3,431 नये मामलों के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर रहा, जबकि पश्चिम बंगाल ने 1,541 नये मामले दर्ज किए. पिछले 24 घंटों के दौरान 251 मौतें दर्ज की गई हैं. महाराष्ट्र में सर्वाधिक 71 मौतें दर्ज की गईं. पश्चिम बंगाल और दिल्ली का स्थान क्रमशः 31 और 30 हालिया मौतों के साथ इसके बाद रहा.