नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का रुख अब और अधिक सख्त होता नजर आ रहा है. बुधवार, 30 अप्रैल को भारत और पाकिस्तान के सेना संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई. इस दौरान भारत ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर बिना उकसावे के की गई गोलीबारी को लेकर कड़ा ऐतराज जताया और पाकिस्तान को आगे से ऐसी हरकतों पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.
पाक सेना का डर: चौकियों से हटाए झंडे, पोस्ट खाली
रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत की सख्त चेतावनी और जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तानी सैनिकों ने कई अग्रिम पोस्ट खाली कर दी हैं और अपने राष्ट्रीय झंडे तक हटा दिए हैं. यह पाकिस्तान सेना की डर और घबराहट का प्रतीक माना जा रहा है. सीमावर्ती क्षेत्रों में पाक सैनिकों की गतिविधियों में गिरावट देखी गई है.
सीमा पर पाक की नापाक हरकत पर भारत का सख्त संदेश
Director Generals of Military Operations of India and Pakistan talked over hotline yesterday to discuss the unprovoked ceasefire violations by Pakistan. India warned Pakistan against the unprovoked violations by Pakistan Army along the Line of Control: Defence sources pic.twitter.com/gUbMkFhNSm
— ANI (@ANI) April 30, 2025
पिछले 6 दिनों से लगातार सीजफायर उल्लंघन
पाकिस्तान की ओर से बीते कई दिनों से लगातार सीजफायर उल्लंघन हो रहा है. भारतीय सेना ने हर बार इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि हर हमले की कीमत चुकानी होगी. भारत अब पाकिस्तान को सिर्फ फौजी ताकत से नहीं, कूटनीतिक और जल-संबंधी रणनीतियों से भी घेरने की तैयारी में है.
पहलगाम हमला के बाद एक्शन मोड में भारत
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया. इस हमले में 26 मासूम पर्यटक मारे गए. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीन उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की: कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS), कैबिनेट कमेटी ऑन संसदीय कार्य और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ रक्षा रणनीति बैठक. इन बैठकों में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और भारत की आगे की रणनीति पर विचार हुआ.
प्रधानमंत्री ने दिया सेनाओं को 'फ्री हैंड'
सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी ने सेनाओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि "जवाबी कार्रवाई के लिए समय, स्थान और तरीका तय करने की पूरी छूट" दी जाए. इसका मतलब यह है कि अब भारत सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सुनियोजित और प्रभावशाली जवाब की ओर बढ़ रहा है.
भारत की चेतावनी: अब गोली के बदले जवाब और भी कड़ा होगा
भारत की DGMO की ओर से दी गई चेतावनी पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संकेत है कि अगर सीमा पार से उकसावे वाली हरकतें नहीं रुकीं, तो भारत सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर एक साथ कार्रवाई कर सकता है.
पहले ही सिंधु जल संधि को लेकर पुनर्विचार की बात हो रही है. ऐसे में यह साफ है कि भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ हर मोर्चे पर दबाव बनाने की नीति पर काम कर रहा है. जिसमें पानी, व्यापार, और वैश्विक मंचों पर अलगाव तक की रणनीति शामिल हो सकती है.













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