नई दिल्ली. भारत सरकार पहली बार देश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को आज म्यांमार वापस भेजेगी. आज 7 लोगों को वापस उनके देश भेजेगी. वहीं इसी मसले पर आज ही सुप्रीम कोर्टमें सुनवाई भी होगी. इन्हें पुलिस पुलिस ने गिरफ्तार किया था उसके बाद से 2012 से ही ये 7 लोग असम के सिलचर जिले के कचार केन्द्रीय कारागार में बंद हैं. इन सभी 7 रोहिंग्या घुसपैठियों को मणिपुर में मोरेह सीमा पोस्ट पर म्यांमार प्रशासन को भारत सौंपा जाएगा.
भारत सरकार ने सात रोहिंग्या लोगों को विदेशी कानून के उल्लंघन के आरोप में 29 जुलाई, 2012 को गिरफ्तार किया गया था. इनके नाम मोहम्मद जमाल, मोहबुल खान, जमाल हुसैन, मोहम्मद युनूस, सबीर अहमद, रहीम उद्दीन और मोहम्मद सलाम शामिल हैं. इनकी उम्र 26 से 32 वर्ष के बीच है. केंद्र सरकार ने पिछले साल संसद को बताया था कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर में पंजीकृत 14,000 से अधिक रोहिंग्या भारत में रहते हैं. हालांकि मदद प्रदान करने वाली एजेंसियों ने देश में रहने वाले रोहिंग्या लोगों की संख्या करीब 40,000 बताई है.
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याचिका पर होगी सुनवाई
बता दें कि केन्द्र सरकार को सात रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक नई याचिका दायर की गई थी. वहीं इस मसले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कहा था कि वह आवेदन पर विचार करने के बाद ही इस मामले की तुरंत सुनवाई पर फैसला देगी. पीठ में न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ भी शामिल हैं. (भाषा इनपुट )