नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को दिए काउंसलर एक्सेस में भी अपनी 'नापाक' चाल चली है. पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव से सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया (Gaurav Ahluwalia) ने मुलाकात की. इसके बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान झूठे दावे मानने का भीषण दबाव बना रहा है. यह मुलाकात पाकिस्तान की एक उपजेल में हुई.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि मुलाकात के दौरान कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के अपुष्ट दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिख रहे थे. बयान में आगे कहा गया कि जाधव को सोमवार को राजनयिक पहुंच यानि काउंसलर एक्सेस मुहैया कराना इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश के प्रति पाकिस्तान की बाध्यता है.
Ministry of External Affairs: The Charge d’ Affaires, High Commission of India in Islamabad, met #KulbhushanJadhav today. While we await a comprehensive report,it was clear that he appeared to be under extreme pressure to parrot a false narrative to bolster Pak’s untenable claims pic.twitter.com/YDY9eaQByb
— ANI (@ANI) September 2, 2019
दरअसल लंबी सुनवाई के बाद पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के आरोप में मृत्युदंड की सजा सुनाए गए जाधव को काउंसलर एक्सेस की पहुंच प्रदान करने का पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट ने निर्देश दिया है. इसके साथ ही इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान को कुलभूषण मृत्युदंड देने के फैसले पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया है.
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भारतीय नागरिक जाधव को कथित जासूसी तथा आतंकवाद के जुर्म में पड़ोसी देश ने 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. दोनों देशों की दलील सुनने के बाद इसी साल 17 जुलाई को कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था.
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे. हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे.