Mpox in India: भारत में मिला एमपॉक्स का पहला केस, आइसोलेटेड मरीज पाया गया पॉजिटिव

भारत में एमपॉक्स (Mpox) का पहला मामला सामने आया है. एक आइसोलेटेड मरीज को एमपॉक्स के लिए पॉजिटिव पाया गया है.

Representational Image | File

नई दिल्ली: भारत में एमपॉक्स (Mpox) का पहला मामला सामने आया है. एक आइसोलेटेड मरीज को एमपॉक्स के लिए पॉजिटिव पाया गया है. मरीज को संदिग्ध के तौर पर बीते दिन निर्धारित अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था, जहां अब पुष्टि हुई है कि वह एमपॉक्स के लिए पॉजिटिव पाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में एमपॉक्स का एक अलग मामला सामने आया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित हेल्थ इमरजेंसी का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसे गंभीरता से लिया जा रहा है.

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मरीज की स्थिति

मरीज को पहले संदिग्ध के रूप में चिन्हित किया गया था और उसे बीते दिन निर्धारित अस्पताल में आइसोलेट कर दिया गया था. उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया, जहां सोमवार को पुष्टि हुई कि वह मंकीपॉक्स से संक्रमित है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 सितंबर को जानकारी दी थी कि एक युवक, जो हाल ही में मंकीपॉक्स से प्रभावित एक देश से लौटा था, संदिग्ध पाया गया है. मरीज की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है और उसे एक आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.

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क्या है Mpox (मंकीपॉक्स)?

Mpox एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस का नया वेरिएंट है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का एक प्रजाति है. इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने पहली बार 1958 में की थी जब बंदरों में "पॉक्स जैसी" बीमारी का प्रकोप हुआ था.

Mpox कैसे फैलता है?

आम तौर पर यह तब फैलता है जब किसी संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से किसी और की त्वचा या त्वचा से मुंह का संपर्क हो. लंबे समय तक आमने-सामने बातचीत या संक्रमित की सांस के संपर्क में आने से भी यह फैलता है. यौन संपर्क भी इस वायरस के फैलने का एक कारण है. संक्रमित व्यक्ति के पहने कपड़ों या चादर वगैरह से भी दूसरे को संक्रमण हो सकता है. यह वायरस शरीर में दो से चार हफ्तों के लिए रहता है. गर्भवती महिलाओं से Mpox वायरस भ्रूण और जन्म के दौरान नवजात में फैल सकता है.

Mpox के लक्षण क्या हैं?

यह एक ऐसा वायरस है, जिसमें स्किन पर दर्दनाक फोड़े हो जाते हैं. इसमें बुखार, सिर दर्द होता है और शरीर टूटने लगता है. Mpox से संक्रमित लोगों को अक्सर एक रैश (दाने) होए हैं जो हाथों, पैरों, छाती, चेहरे, मुंह या जननांगों के आस-पास हो सकते हैं. यह रैश अंततः पस से भरे बड़े सफेद या पीले फोड़े और फिर स्कैब्स में बदल जाते है.

अन्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं. लिम्फ नोड्स भी सूज सकते हैं क्योंकि वे वायरस से लड़ने की कोशिश करते हैं. कई मामलों में, संक्रमण जानलेवा हो सकता है.

भारत में क्यों है चिंता?

हालांकि मंकीपॉक्स के मामले अभी भारत में नहीं फैले हैं, लेकिन विदेश यात्रा से जुड़े मामलों के चलते सतर्कता बरती जा रही है. यह पहला मामला सामने आने के बाद, सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है ताकि वायरस के संभावित प्रसार को रोका जा सके. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें, खासकर अगर वे हाल ही में विदेश यात्रा से लौटे हों.

भारत में मंकीपॉक्स का यह पहला मामला है, लेकिन फिलहाल सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं. यह जरूरी है कि जनता जागरूक रहे, समय पर लक्षणों को पहचाने और किसी भी प्रकार के संभावित संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करे.

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