करतारपुर कॉरिडोर: आज बातचीत के लिए आमने-सामने होंगे भारत और पाकिस्तान, खालिस्‍तान सहित इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

आज होने वाली चर्चा में भारत खालिस्तानी मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा. भारत पहले ही साफ कर चुका है कि करतारपुर कॉरिडोर के इस्तेमाल पाक खालिस्तानी एजेंडा के लिए न करे. दोनों देशों के बीच करतारपुर तीर्थ यात्रा की रूपरेखा पर होगी चर्चा, शुल्क, हाईटेक सर्विलांस और अन्य मुद्दों पर भी बातचीत होगी.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा (Photo Credit-YouTube)

करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) पर आज वाघा बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान के बीच अहम बैठक होगी. इसमें कॉरिडोर पर जारी गतिरोध दूर करने की रणनीति बनेगी. दोनों देशों के बीच होने वाली ये दूसरी बैठक होगी. यह बैठक सुबह 9:30 बजे शुरू होगी. बैठक दोपहर करीब 1 बजे तक चलेगी. दोनों देशों के बीच करतारपुर तीर्थ यात्रा की रूपरेखा पर होगी चर्चा, शुल्क, हाईटेक सर्विलांस और अन्य मुद्दों पर भी बातचीत होगी. भारत द्वारा खालिस्‍तानी एजेंडे को प्रमुखता से उठाया जाएगा. इस बैठक से पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक आतंकी गोपाल चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है.

गोपाल सिंह चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का भी सदस्य नहीं है. चावला के अलावा खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने वाले मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम थे. लेकिन बैठक से ठीक पहले जब पाकिस्तान ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नई लिस्ट जारी की तो उसमें भी खालिस्तानी समर्थकों के नाम मौजूद थे. भारत के खिलाफ चाल दिखाते हुए पाक ने खालिस्तान समर्थक बिशन सिंह के बदले उसके भाई अमीर सिंह को कमेटी में डाल दिया गया है. दोनों खालिस्तान समर्थक बताए जाते हैं.

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आज होने वाली चर्चा में भारत खालिस्तानी मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा. भारत पहले ही साफ कर चुका है कि करतारपुर कॉरिडोर के इस्तेमाल पाक खालिस्तानी एजेंडा के लिए न करे. गोपाल चावला पर भारत ने ऐतराज जताया था, जिसके चलते 2 अप्रैल को होने वाली भारत-पाक बैठक टल गई थी. अब चौकानें वाली बात यह है कि जहां पाकिस्तान ने दबाव में गोपाल चावला को बाहर का रास्ता दिखाया है, वहीं खालिस्तानी समर्थक अमीर सिंह को पाक SGPC में जगह दी है.

भारत की चिंताएं

खालिस्तान के अलावा भारत की कई मांगे हैं जिनमें पाकिस्तान रोड़े अटका रहा है. भारत की मांग रही है कि करतारपुर में एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिले. लेकिन पाकिस्तान महज 700 श्रद्धालुओं के दर्शन पर ही अड़ा है. भारत की मांग है कि करतापुर कॉरिडोर साल भर खुले. भारत की मांग है कि करतापुर कॉरिडोर साल भर खुले. पाकिस्तान इसके लिए भी राजी नहीं है.

प्रवासी भारतीयों को मौका नहीं

भारत चाहता है कि श्रद्धालुओं का कोई वीजा या शुल्क ना लगे, लेकिन पाकिस्तान इससे सहमत नहीं है. इसके साथ ही भारत चाहता है कि प्रवासी भारतीयों को भी मौका मिले, लेकिन पाकिस्तान सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं की जिद पर अड़ा है पाक प्रवासी भारतीयों को दर्शन की इजाजत नहीं दे रहा है.

यात्रा फीस पर होगी मुख्य चर्चा

भारत चाहता है कि दर्शन के लिये कोई फीस नहीं होनी चाहिए, लेकिन पाकिस्तान दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा के तर्ज पर परमिट देगा जिस पर फीस होगी और खास दिन में यह फीस बढ़ाई भी जा सकेगी. आस्था को देखते हुए भारत श्रद्धालुओं को पैदल जाने की अनुमति चाहता है जबकि पाकिस्तान श्रद्धालुओं को बस में लेकर जाना चाहता है.

15 लोग का ग्रुप लेकर जाना चाहता है पाकिस्तान

भारत चाहता है कि एक या 2 श्रद्धालु जाना चाहे तो जा सके, पाकिस्तान कम से कम 15 लोग का ग्रुप लेकर जाना चाहता है. भारत चाहता है कि यात्रा सप्ताह के सातों दिन खुली रहे, पाक हफ्ते में कुछ दिन तय करना चाहता है. पाकिस्तान की तरफ से जीरो लाइन पर पुल बनाना चाहिए, लेकिन पाक पुल बनाने को तैयार नहीं है.

करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने की तारीख तय है. इसे 22 नवंबर को होने वाली गुरु नानक की 550वीं जयंती से पहले शुरू होना है. लेकिन तैयारियां अभी भी बाकी हैं. भारत अपने हिस्से के काम को तेजी से काम निपटा रहा है, लेकिन पाकिस्तान लगातार पेच फंसा रहा है और ननकाना साहिब में पवित्र दर्शन की राह में रोड़े अटका रहा है.

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