अग्नि-2 बैलिस्टिक मिसाइल का रात में किया गया सफल परीक्षण, जद में होंगे 2 हजार किलोमीटर तक बैठे दुश्मन
भारत ने अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाते हुए 2 हजार किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-2 बैलिस्टिक मिसाइल का रात में सफल परिक्षण किया है. बताया जा रहा है कि इस परिक्षण के दौरान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-2 सभी पैमानों पर खरा उतरा है.
ओडिशा: भारत ने अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाते हुए 2 हजार किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-2 बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-2 Ballistic Missile) का रात में सफल परिक्षण किया है. बताया जा रहा है कि इस परिक्षण के दौरान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-2 सभी पैमानों पर खरा उतरा है. और रात के अँधेरे में भी दुश्मनों का खात्मा करने में निपुर्ण है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक सेना द्वारा देश में निर्मित स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-2 को ओडिशा के तट से टेस्ट फायर किया गया. सूत्रों ने परीक्षण को सफल बताते हुए कहा कि परीक्षण के दौरान सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया गया. यह मिसाइल 2,000 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को भेद सकती है. इससे देश की प्रतिरक्षा क्षमता को और मजबूती मिली है. भारत करेगा K-4 न्यूक्लियर मिसाइल का परीक्षण, 3500 किमी तक का टारगेट कर देगा नाश
पिछले साल अक्टूबर महीने में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक रात्रि परीक्षण किया गया था. इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर है. सैन्य सूत्रों ने तब बताया था कि सामरिक बल कमान ने अभियान तैयारियों को मजबूत करने के लिए डॉ अब्दुल कलाम द्वीप से मिसाइल का परीक्षण किया.
साल 2014 में इसी महीने इस मध्यम दूरी की मिसाइल अग्नि-2 का सुबह के समय सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया गया था. रक्षा अधिकारियों की मानें तो सतह से सतह पर मार सकने वाली मिसाइल अग्नि-2 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) को सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है.
अग्नि-2 मिसाइल का विकास एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेट्री (एएसएल) ने किया और इसे समाकलित करने का काम हैदराबाद की भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने किया. अग्नि-2 डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई अग्नि सीरीज की मिसाइलों का हिस्सा है, जिसमें अग्नि-1 (700 किमी), अग्नि-3 (3000 किमी), अग्नि-4 (4000 किमी) और अग्नि-5 (5000 किमी से अधिक) शामिल हैं. अग्नि- 5 का परीक्षण 10 दिसंबर 2018 को इसी बेस से किया गया था और वह सफल रहा था.
(एजेंसी इनपुट के साथ)