भारत: ई-सिगरेट बेचने वाली 15 वेबसाइटों को नोटिस
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

भारत में ई-सिगरेट बेचने वाली कम से कम 15 वेबसाइटों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नोटिस जारी कर उत्पादों का विज्ञापन और बिक्री बंद करने का निर्देश दिया है.भारत में ई-सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध होने के बावजूद इसकी बिक्री करने वाली वेबसाइटों पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसते हुए नोटिस जारी किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट बेचने वाली 15 वेबसाइटों को इसकी बिक्री और विज्ञापन रोकने का नोटिस दिया है.

मीडिया रिपोर्टों में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इन वेबसाइटों को नोटिस भेजकर उन्हें ई-सिगरेट से संबंधित अपनी गतिविधियों को बंद करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा छह और वेबसाइटें फिलहाल जांच के दायरे में हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी जांच के दायरे में

सूत्र ने बताया कि मंत्रालय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ई-सिगरेट के विज्ञापन और बिक्री पर कड़ी निगरानी कर रहा है. बताया जा रहा है कि ऐसी संभावना है कि निकट भविष्य में इन प्लेटफॉर्मों को भी नोटिस जारी किया जाएगा.

जिन 15 वेबसाइटों को नोटिस मिला है, उनमें से चार ने पहले ही अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है, जबकि बाकी वेबसाइटों ने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है.

एक सरकारी सूत्र ने मीडिया को बताया, "अगर वे जवाब नहीं देते हैं और कानून का अनुपालन नहीं करते हैं तो स्वास्थ्य मंत्रालय इन वेबसाइटों को हटाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखेगा. इसके बाद इन वेबसाइटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी."

इसी साल फरवरी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ई-सिगरेट पर प्रतिबंध का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा था. साथ ही मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की थी कि ये उपकरण अभी भी ऑनलाइन और स्थानीय विक्रेताओं के पास उपलब्ध हैं.

प्रतिबंध के बावजूद ई-सिगरेट की बिक्री

देश में ई-सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध 2019 से प्रभावी है. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध (उत्पादन, निर्माण, निर्यात, आयात, आवाजाही, बिक्री, वितरण, स्टोरेज और विज्ञापन) अधिनियम चार साल पहले प्रभाव में आया था. लेकिन इस कानून के बावजूद कुछ वेबसाइट इसकी बिक्री कर रही थी.

मई में भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिनियम के सख्त कार्यान्वयन के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया. नोटिस में सभी उत्पादकों, निर्माताओं, आयातकों, निर्यातकों, वितरकों, विज्ञापनदाताओं और ट्रांसपोर्टरों, जिनमें कुरियर, सोशल मीडिया वेबसाइट और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट शामिल हैं, उन्हें इस कानून का पालन करने का निर्देश दिया गया था.

इसी साल हुए एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 15 से 30 साल की उम्र के करीब 61 फीसदी युवा , जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट का इस्तेमाल नहीं किया है, भविष्य में इसकी चपेट में आ सकते हैं.

इस रिपोर्ट के मुताबिक यह अध्ययन पूरे देश से 456 समेत 4,007 लोगों के एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के आधार पर किया गया. वर्तमान या पिछले तंबाकू उपयोग के बाद संवेदनशीलता पर दूसरे सबसे बड़े प्रभाव के रूप में ई-सिगरेट विज्ञापन के संपर्क की पहचान की.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मस्तिष्क के विकास पर निकोटीन के प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों और उपकरणों में मौजूद अन्य रसायनों से संभावित नकारात्मक परिणामों के कारण युवाओं में ई-सिगरेट के इस्तेमाल की संवेदनशीलता एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है.