नई दिल्ली: हाल ही में भारत-नेपाल सीमा पर जारी तनाव के बीच नेपाल पुलिस द्वारा फायरिंग करने के पश्चात् एक शख्स की मौत हो गई, जबकि चार लोग बुरी तरह से घायल हो गए. वहीं इस मामले के चश्मदीद लगन किशोर (Lagan Kishore) को इस घटना के पश्चात् नेपाल पुलिस (Nepal Police) ने अपने कब्जे में ले लिया और उनके उपर असहनीय अत्याचार किए. नेपाल पुलिस द्वारा रिहा होने के पश्चात् लगन किशोर ने बताया कि सीमा पर जवानों द्वारा हवाई फायरिंग के पश्चात् हम सब वहां से भागने लगे. उन्होंने आगे बताया कि नेपाल पुलिस के कर्मचारियों ने उन्हें भारत से बंदूक से पीटते हुए नेपाल ले गए. लगन किशोर ने बताया इस दौरान नेपाल पुलिस ने मेरे साथ मार पीट की और पूछने लगी कि सच बताओ तुम्हें नेपाल से पकड़ा गया है या भारत से. मैंने बोल दिया कि आप चाहे मुझे मार दीजिए पर मुझे भारत से पकड़ा गया है.
लगन किशोर के अनुसार उनके बेटे की शादी नेपाल में हुई है. बीते 12 जून को नेपाल से उनकी बहु और समधन परिवार के साथ सीतामढ़ी मिलने के लिए आईं थीं, लेकिन उन्हें बॉर्डर पर नेपाल पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान नेपाल पुलिस ने वहां मौजूद लगन किशोर के बेटे को डंडों से पीटा. सूचना की खबर मिलते ही लगन भी वहां पहुंच गए. लगन ने जब नेपाल पुलिस से इसकी वजह पूछी तो उन्हें भी बदसलूकी का सामना करना पड़ा.
लगन किशोर ने इसके बाद दावा करते हुए कहा कि इसी दौरान बॉर्डर पर मौजूद नेपाल पुलिस के अफसरों ने 10 जवानों को मौके पर बुलाया. इन्हीं 10 जवानों ने बॉर्डर पार से सीतामढ़ी में फायरिंग की जिसमें विकेश कुमार नाम के एक युवक की मौत हो गई.