नई दिल्ली: एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर चीन (China) की हर गुस्ताखी का माकूल जवाब देने के लिए भारत ने अपना खास हथियार तैनात किया है. भारतीय सेना ने फॉरवर्ड एरिया पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में के-9 वज्र स्वचालित होवित्जर (K9-Vajra Self-Propelled Howitzer) रेजिमेंट को तैनात किया है. के-9 वज्र लगभग 50 किमी की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है. यानी चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के करीब लद्दाख सेक्टर में अब दुश्मनों की खैर नहीं है. विशेषज्ञयों ने कहा, भारतीय सीमा से लगे चीन के 680 गांव 'चिंता का विषय
भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध की स्थिति पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा “पिछले 6 महीनों में स्थिति काफी सामान्य रही है. हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की वार्ता होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि 'डिसएंगेजमेंट' कैसे होगा.”
Forward Areas, Eastern Ladakh: Indian Army has deployed the first K9-Vajra self-propelled howitzer regiment in the Ladakh sector along the Line of Actual Control with China. The gun can strike enemy targets at around 50 km. pic.twitter.com/eYvLxOfZN6
— ANI (@ANI) October 2, 2021
लेह, लद्दाख दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे ने कहा “चीन ने हमारे पूर्वी कमान तक पूरे पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर काफ़ी संख्या में तैनाती की है. निश्चित रूप से अग्रिम क्षेत्रों में उनकी तैनाती में वृद्धि हुई है जो हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है.”
#WATCH K9-Vajra self-propelled howitzer in action in a forward area in Eastern Ladakh pic.twitter.com/T8PsxfvstR
— ANI (@ANI) October 2, 2021
भारतीय सेना के अनुसार, एल एंड टी ने स्वदेश में तैयार के-9 वज्र-टी 155 मिमी स्व-चालित तोपों की 100 इकाइयों की आपूर्ति की है. एल एंड टी ने इसी साल फरवरी महीने में एक बयान में कहा था कि 100 होवित्जर तोप को उसने सेना को सौंपा है. कंपनी ने मई 2017 में रक्षा मंत्रालय के साथ इस संबंध में एक करार किया था.
कंपनी ने 'मेक-इन-इंडिया' पहल के तौर पर के-9 वज्र के उत्पादन के लिए सूरत के पास अपने हजीरा विनिर्माण परिसर में एक ग्रीन-फील्ड निर्माण और परीक्षण सुविधा की स्थापना की थी.