Good News: ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत ने लगाई छलांग, भारतवंशी अपने दिमाग का लोहा मनवाने में भी सफल
किसी भी कल्याणकारी राज्य में योजनाएं बनाना और उन्हें लागू करना सरकार का काम है, किंतु उन पर अमल करते हुए उसे सफलता की ओर ले जाना निश्चित ही वहां के नागरिकों के श्रम, उनकी प्लानिंग और अपने लक्ष्य के लिए सतत उसकी पूर्ति में लगे रहने पर निर्भर करता है.
Global Innovation Index-2021: किसी भी कल्याणकारी राज्य में योजनाएं बनाना और उन्हें लागू करना सरकार का काम है, किंतु उन पर अमल करते हुए उसे सफलता की ओर ले जाना निश्चित ही वहां के नागरिकों के श्रम, उनकी प्लानिंग और अपने लक्ष्य के लिए सतत उसकी पूर्ति में लगे रहने पर निर्भर करता है. भारत के लिए यह अच्छी खबर है कि वह ”वैश्विक नवाचारों” में अपनी रैंकिंग निरंतर सुधार रहा है और जो भारत अभी पांच साल पहले तक 81 वें स्थान पर था, वह तेजी से सुधारों पर अमल करते हुए 46वें स्थान पर आ पहुंचा है. वार्डविज़ार्ड इनोवेशन की बिक्री अगस्त में चार गुना बढ़कर 2,001 इकाई पर
भारतीयों में निरंतर आगे बढ़ने की ललक
जनसंख्या में छोटे और क्षेत्रफल एवं संसाधन में बड़े देशों का अभी स्वभाविक है भारत से आगे रहना. इसके बाद भी यदि भारत हर क्षेत्र में लगातार सुधार करते हुए आगे बढ़ता दिख रहा है तो यह मान लेना चाहिए कि भारतीयों में निरंतर आगे बढ़ने की ललक पैदा हो गई है. संसाधनों के अभाव में सतत भारतीय जन विकल्पों की तलाश कर रहा है, नवाचारों का स्वागत कर रहा है और सहज ही उन्हें अपना भी रहा है. वह नितरोज नए प्रतिमान गढ़ रहा है. अब वह रुकने वाला नहीं है.
विदेश में भारतवंशी अपने दिमाग का लोहा मनवाने में भी सफल
हम देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 2.0 शासनकाल के पहले कार्यकाल में जिन योजनाओं को लागू किया था, उसका तेजी से असर उनके इस दूसरे कार्यकाल में दिख रहा है . वैश्विक बाजार में भारतीयों के नए-नए प्रयोगों और कार्य योजना में कहीं अर्थ की कमी बाधा ना बने, इसके लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना, मुद्रा योजना, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, से लेकर तमाम सकारात्मक प्रयासों एवं योजनाओं का जिक्र यहां किया जा सकता है. इनके कारण भारत आर्थिक रूप से सुदृढ़ भी हो रहा है और दुनिया के देश भारत की श्रम शक्ति और मेधा पर विश्वास करते हुए यहां आगे बढ़कर निवेश कर रहे हैं. इसके साथ आज दुनिया के कई देशों में भारतवंशी अपने दिमाग का लोहा मनवाने में भी सफल हो रहे हैं.
GII रैंकिंग में एक वर्ष में भारत आया दो स्थान ऊपर
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की वैश्विक नवाचार सूचकांक 2021 रैंकिंग के संदर्भ में विस्तृत बात करें तो एक वर्ष में भारत दो स्थान ऊपर आया है. भारत पिछले कई वर्षों में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) की रैंकिंग में लगातार सुधार कर रहा है. विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम और सार्वजनिक तथा निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत काम के कारण ही इस जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है. देश में परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अंतरिक्ष विभाग जैसे वैज्ञानिक विभागों ने राष्ट्रीय नवाचार ईकोसिस्टम को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कोविड काल में भारत का नवाचार रहा सबसे आगे
कोविड महामारी के कारण पैदा हुए अभूतपूर्व संकट के खिलाफ हमारी लड़ाई में कुल मिलाकर नवाचार सबसे आगे रहा है, और यह देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है. ऐसे ही अन्य कई क्षेत्र हैं जिनमें कल तक उस क्षेत्र को लेकर देश भर में ना कोई व्यापक इन्फ्रास्ट्रक्चर था और ना ही उसके लिए कोई दिशा तय थी, किंतु आज कोरोना के महासंकट के बीच हम उनमें पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने में सफल रहे हैं.
देश के ये संस्थान कर रहे अथक प्रयास
नीति आयोग भी विभिन्न क्षेत्रों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत इत्यादि में नीति नेतृत्व में नवाचार लाने के लिए राष्ट्रीय प्रयासों में अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है. वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूआइपीओ) कह रहा है कि यह रैंकिंग सरकारी एवं निजी शोध संस्थानों द्वारा शानदार काम और बेहतर स्टार्टअप इकोसिस्टम का प्रमाण है. यह इंडेक्स दुनियाभर की सरकारों के लिए अपने यहां सामाजिक एवं आर्थिक बदलावों को समझने का आधार बना है. पिछले कुछ वर्षों में इस इंडेक्स ने सरकारों के लिए पालिसी टूल की भूमिका निभाई है और उन्हें मौजूदा स्थिति को प्रदर्शित करने के साथ तेजी से सुधार की दिशा में आगे बढ़ते रहने में मदद प्रदान की है.
आज यह अच्छी बात है कि केंद्र सरकार जल्द ही निर्यातकों के लिए चौबीसों घंटे की हेल्पलाइन सेवा शुरू करने जा रही है. यहां पर उनकी शिकायतों का निवारण किया जाएगा. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी कह रहे हैं कि कोरोना की शुरुआत में सरकार ने व्यापारियों के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन शुरू की थी, लेकिन हमने महसूस किया है कि निर्यातकों के लिए भी इसी तरह की हेल्पलाइन शुरू किए जाने की जरूरत है. अब वाणिज्य सप्ताह देश के 749 जिलों में आयोजित किए जाने पर मोदी सरकार का जोर है . इसी प्रकार से कैसे राज्य सरकारों के प्रयास देश को आगे ले जाने वाले कारगर सिद्ध हो रहे हैं, इसका एक उदाहरण ही यहां समझना पर्याप्त होगा . वस्तुत: एयरपोर्ट और रेलवे मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के चलते उत्तर प्रदेश की ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग दूसरे नंबर पर आ गई है. इसी प्रकार के तमाम प्रयोग मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर सभी राज्यों में चल रहे हैं, जिनके प्रभाव से आज लगातार भारत नवाचार सूचकांक में अपना अच्छा प्रदर्शन कर पा रहा है.