LAC से पीछे हटी चीनी सेना, कांग्रेस बोली, क्या पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक के दौरान दिए बयान को वापस लेने के साथ मांगेगे माफी ?

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा अपने बयान को लेकर यहीं पर नहीं रूके. उन्होंने कहा पीएम मोदी को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए....राष्ट्र को संबोधित करना चाहिए, देश को विश्वास में लेना चाहिए, देश से माफी मांगनी चाहिए....कहें कि हां मुझसे गलती हो गई. मैंने आपको गुमराह किया या वो कोई दूसरे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं कि अपने आकलन में मैं गलत था.

पीएम मोदी (Photo Credits: PIB)

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के पीछे हटने की शुरुआत से एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात हुई. जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सैनिकों के पीछे हटने पर सहमत हुए. सोमवार को मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि डोभाल और वांग के बीच रविवार को हुई वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए सैनिकों का ‘‘जल्द से जल्द’’ पीछे हटना आवश्यक है. चीन द्वारा एलएसी से हटाने पर राजी होने पर कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी (PM Modi) पर हमला किया है. कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारतीय सीमा में कोई नहीं घुसा है तो फिर चीन कैसे एलएसी से पीछे हटने को लेकर राजी हो गया. ऐसे में प्रधानमंत्री को अपने इस बयान को लेकर देश से माफी मांगनी चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) कांग्रेस पार्टी की तरफ से एक बयान जारी कर पीएम मोदी पर हमला करने के साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए. राष्ट्र को संबोधित करना चाहिए, देश को विश्वास में लेना चाहिए, देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्हें कहना चाहिए कि हां मुझसे गलती हो गई. मैंने आपको गुमराह किया या वो कोई दूसरे शब्दों का इस्तेमाल वे इसके लिए कर सकते हैं कि अपने आकलन में मैं गलत था. यह भी पढ़े: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कोई सीमा में नहीं घुसा’ के इस बयान पर उठे सवाल, तो PMO ने दी सफाई

बता दें कि 15 -16 जून की रात गलवान घाटी में भारतीय सेना अरु चीनी सेना के बीच हुई झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में  चीन के इस बर्सताओं को लेकर सभी के राय  जानने की कोशिश की कोशिश की थी. सभी नेताओं द्वारा अपनी राज्य रखने के बाद प्रधानमंत्री अंत में देश को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भारतीय इलाके में नहीं आया है और न ही किसी ने भारतीय सेना के किसी पोस्ट को कब्जा ही किया है.

 

 

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