भारत-मध्य एशियाई देशों की बैठक में आतंकवाद से निपटने के लिए बनी रणनीति, चीन को भी दिया स्पष्ट संदेश
आतंकवाद (Photo Credits Twitter)

नई दिल्ली: भारत-मध्य एशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित की गई.इसमें भारत और मध्य एशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने संयुक्त बयान में एक शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन को दोहराया. वहीं इसकी संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर भी जोर दिया इसी के साथ इसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया. वहीं चीन की बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव को लेकर स्पष्ट संदेश दिया गया.

इस बैठक में भारत, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सचिवों ने भाग लिया। वहीं तुर्कमेनिस्तान का प्रतिनिधित्व उनके राजदूत ने किया। सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग किसी भी आतंकवादी कृत्यों को आश्रय देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या आतंक के वित्तपोषण करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.  यह भी पढ़े: आतंकवाद पर एक विशेष बैठक के लिए संरा सुरक्षा परिषद के सदस्यों की मेजबानी करेगा भारत

सभी प्रतिनिधियों ने मौजूदा बिगड़ती मानवीय स्थिति और अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया. इसके आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़े शब्दों में निंदा की और इस खतरे से लड़ने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया.

सभी ने माना कि आतंकवादी प्रचार, भर्ती और फंड उगाही करना क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे हैं। सभी इस बात पर सहमत हुए की नई और उभरती प्रौद्योगिकियों का दुरुपयोग, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी, सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकवादी प्रॉक्सी का उपयोग, दुष्प्रचार फैलाने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग और मानव रहित हवाई प्रणालियां आतंकवाद विरोधी प्रयासों में नई चुनौतियां पेश करती हैं.इसके लिए सामूहिक कार्रवाई की जाए.

चीन की बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के परोक्ष संदर्भ में बयान में कहा गया, वे इस बात पर सहमत हुए कि संपर्क की पहल पारदर्शिता, व्यापक सहभागिता, स्थानीय प्राथमिकताओं, सभी देशों के लिए वित्तीय मजबूती तथा संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए. बैठक में प्रतिभागियों ने क्षेत्र में आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ की आम चुनौतियों के मद्देनजर अपने देशों की सुरक्षा परिषदों के बीच नियमित संवाद के महत्व को रेखांकित किया.

सुरक्षा सलाहकारों ने चाबहार पोर्ट द्वारा अफगानिस्तान में मानवीय संकट के दौरान निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका सहित व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा अफगान लोगों को मानवीय सामान की डिलीवरी में मध्य एशियाई देशों के लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्च र पर भी जोर दिया। सुरक्षा अधिकारियों ने आईएनएसटीसी के ढांचे के भीतर चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का भी समर्थन किया.