Independence Day 2020 in West Bengal: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हुगली में राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर हुई झड़प में बीजेपी कार्यकर्ता की मौत, TMC पर मारपीट का आरोप
हुगली के पुलिस अधीक्षक तथागत बसु ने कहा, "सुबह खानकुल में भारतीय ध्वज फहराने को लेकर स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई. बांस के डंडों से हमला करने पर एक व्यक्ति की मौत हो गई. हमने पूछताछ के लिए आठ लोगों को हिरासत में लिया है."
कोलकाता: देश 74 वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मना रहा है. इस बीच पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हुगली जिले से शनिवार को खबरें आईं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक कार्यकर्ता की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर हत्या कर दी गई. स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर झड़पें हुईं. हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी कार्यकर्ता सुदर्शन प्रमाणिक को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर टीएमसी समर्थकों द्वारा कथित तौर पर पीटा गया था. इसके बाद पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने कहा कि यह घटना हुगली जिले के खानकुल में हुई, जो कोलकाता से पश्चिम में 60 किलोमीटर दूर है. हुगली के पुलिस अधीक्षक तथागत बसु ने कहा, "सुबह खानकुल में भारतीय ध्वज फहराने को लेकर स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई. बांस के डंडों से हमला करने पर एक व्यक्ति की मौत हो गई. हमने पूछताछ के लिए आठ लोगों को हिरासत में लिया है." यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल: BJP की बंगाल की जनता से अपील, केंद्रीय योजनाओं का लाभ न मिलने पर दें मिस्ड कॉल.
बीजेपी ने इस घटना के लिए TMC को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा है, "ममता राज में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना भी अपराध हो गया है. आरामबाग क्षेत्र के बीजेपी के बूथ कार्यकर्ता सुदर्शन प्रमाणिक की इसी मामले में हत्या कर दी गई. शक है कि ये TMC के गुंडों का काम है. आज हमें इस गुंडा राज से मुक्त होने का संकल्प लेना ही होगा."
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीजेपी और टीएमसी दोनों के कार्यालय एक ही क्षेत्र में हैं और दोनों दल झंडा फहराने के लिए एक ही स्थान पर एकत्रित हुए, जिसके कारण झड़पें हुईं. इस बीच, बीजेपी महासचिव सायंतन बसु ने कहा, "जब तक टीएमसी सत्ता में है, तब तक ऐसी घटनाएं जारी रहेंगी. आज तक बीजेपी के 108 कार्यकर्ता और नेता मारे गए हैं."
हालांकि, दावों का खंडन करते हुए, टीएमसी पार्टी के प्रवक्ता प्रबीर घोषाल ने कहा, "टीएमसी हिंसा और रक्तपात पर विश्वास नहीं करती ना ही समर्थन करती है. मैंने सुना है कि यह बीजेपी के दो गुटों के बीच लड़ाई थी. पुलिस जांच कर रही है."