नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) से 1,875 करोड़ रुपये केवीडियोकॉन ऋण मामले में लगातार पांचवें दिन पूछताछ की. एजेंसी द्वारा मांगे गए दस्तावेजों के 'नए सेट' को लेकर कोचर दंपति सुबह लगभग 11.30 बजे दक्षिणी दिल्ली के खान मार्केट इलाके में ईडी मुख्यालय पहुंचे. इसके बाद जांचकर्ताओं ने उनसे तुरंत पूछताछ शुरू कर दी.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि उनसे वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के साथ उनके व्यापारिक व्यवहार और उनके बीच हुए वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछताछ की जा रही है. यह मामला आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 2009 और 2011 के बीच वीडियोकॉन समूह को दिए गए 1,875 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी में कथित अनियमितताओं और भ्रष्ट आचरण से संबंधित है.
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ईडी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभालते हुए, चंदा कोचर ने अपने पति द्वारा संचालित कंपनी 'नूपॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटेड' को अवैध रूप से करोड़ों रुपये दिए. कोचर से पिछले महीने मुंबई में कई मौकों पर पूछताछ की गई थी. उनसे दिल्ली में पहली बार पूछताछ की जा रही है. दोनों दंपति 13 मई से हर दिन आठ से नौ घंटे पूछताछ का सामना कर रहे हैं.
मार्च में ईडी ने कोचर के निवास और कार्यालय परिसर की तलाशी ली थी और उनसे व धूत से एक साथ पूछताछ की थी. धूत ने कथित तौर पर आईसीआईसीआई बैंक द्वारा मंजूर किए गए ऋणों के लिए मुआवजे के रूप में अपनी फर्म सुप्रीम एनर्जी के माध्यम से नूपॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटेड में निवेश किया.
वीडियोकॉन समूह के 40,000 करोड़ रुपये ऋण का एक बड़ा हिस्सा 2017 के अंत तक बगैर भुगतान के रह गया, जिसके बाद बैंक ने इस ऋण के 2,810 करोड़ रुपये को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी.