नई दिल्ली: पाकिस्तान में इमरान खान का पीएम बनना तय है. पाक चुनाव के नतीजों पर भारतीयों की भी नजरें लगी हुई थीं. पाकिस्तान के आम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने पहली बार जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वो देश को इंसानियत भरा मुल्क बनाएंगे. हम कमजोरों के लिए काम करेंगे. इमरान खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कश्मीर मसले का हल टेबल पर बैठकर निकालेंगे. साथ ही भारत से अच्छे रिश्ते चाहते है. हम चाहते है कि वो (भारत) एक कदम आगे आये, हम (पाक) दो कदम आगे जायेंगे. साथ ही बहुत से भारतीयों को यह लगता है कि 'नया पाकिस्तान' बनाने की बात करने वाले इमरान के आने से शायद भारत-पाक रिश्तों में कुछ सुधार हो.
इमरान खान ने चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहली बार देश के नाम संबोधन में कहा, 'मैं इंसानियत से भरा पाकिस्तान बनाऊंगा. कमजोरों के लिए काम करूंगा.' इसी कड़ी में खुद पाकिस्तान के कई एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इमरान के साथ आने से भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में और बिगाड़ ही होने की आशंका है. इमरान ने कहा, 'हिंदुस्तान में मुझे बॉलीवुड का विलेन दिखाया गया. मैं हिंदुस्तान को बेहद अच्छी तरह से जानता हूं.'
Kashmiris are suffering for long. We have to solve Kashmir issue by sitting across the table, If India's leadership is willing then the both of us can solve this issue through dialogue. It will be good for the subcontinent also: Imran Khan,PTI Chief pic.twitter.com/JvYHVNYmA3
— ANI (@ANI) July 26, 2018
असल में चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों में इमरान ने कई बार भारत विरोधी रवैया अपनाया है. चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खान जानबूझ कर भारतीय मीडिया से दूर रहे और खुद को सपोर्ट न करने के आरोप पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया की भी आलोचना की. इस तरह इमरान खान के जीतने से पाकिस्तान और भारत के रिश्तों पर काफी बड़ा असर पड़ सकता है.
I was saddened by the way Indian media recently projected me. I am one of those Pakistanis that wants good relations with India, if we want to have a poverty free subcontinent then we must have good relations and trade ties: Imran Khan pic.twitter.com/zDNsoPucR4
— ANI (@ANI) July 26, 2018
इमरान ने आरोप लगाया था कि 'मोदी के प्रति नरम रवैया' अपना कर नवाज शरीफ अपने कारोबारी हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे. कश्मीर के बारे में उन्होंने लगातार यह कहा है कि भारतीय सत्ता प्रतिष्ठान को हिंसा रोकनी होगी और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाना चाहिए.
पाकिस्तान के कई पर्यवेक्षक यह मानते हैं कि इमरान के पीएम बनने से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और बिगड़ेंगे. वह चुनाव प्रचार के दौरान यह आरोप लगाते रहे हैं कि भारत नवाज शरीफ का समर्थन करता रहा है और पाकिस्तान के खिलाफ मुख्य साजिशकर्ता है.
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान भविष्य में पाकिस्तानी सेना के इशारे पर ही काम करेंगे और इसका मतलब यह है कि पाक-भारत के रिश्ते में कोई सुधार नहीं होगा. वैसे भी भारत पर कई आरोप लगाकर इमरान खान ने रिश्तों को सुधारने की राह थोड़ी मुश्किल कर ली है.
गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शहबाज ने दावा किया था कि वह पाकिस्तान को मलेशिया और तुर्की के बराबर ले आएंगे. उन्होंने कहा कि वह मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद तथा तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तायिप एर्दोआन से मिल कर 'उनसे सीखेंगे और पाकिस्तान को फिर से एक महान देश बनायेंगे.' लेकिन इस हार के बाद उनकी सारी उम्मीदें धरे के धरे रह गए.