भारत और कुवैत के बीच रक्षा, खेल समेत कई मुद्दों पर अहम समझौते

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत और कुवैत ने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति जताई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत और कुवैत ने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति जताई है.प्रधानमंत्री मोदी के कुवैत दौरे के दौरान रविवार, 22 दिसंबर को भारत और कुवैत ने रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को नियमित बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. रक्षा के अलावा संस्कृति व खेल के क्षेत्रों में व्यापक सहयोग के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए. ये समझौते प्रधानमंत्री मोदी और कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह और अन्य शीर्ष नेताओं के साथ व्यापक वार्ता के बाद हुए.

यात्रा के दौरान मोदी ने कहा कि भारत और कुवैत के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं. मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे, जो चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है.

रक्षा को रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण घटक स्वीकार करते हुए दोनों देशों का कहना है कि समझौता ज्ञापन द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए आवश्यक रूपरेखा प्रदान करेगा.

इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा कर्मियों का प्रशिक्षण, तटीय रक्षा, समुद्री सुरक्षा और रक्षा उपकरणों का संयुक्त विकास व उत्पादन शामिल है.

आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेंगे देश

दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद समेत सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की "स्पष्ट रूप से निंदा" की और आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को बाधित करने तथा आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का आह्वान किया.

मोदी की यात्रा की समाप्ति पर जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि सुरक्षा के क्षेत्र में मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की सराहना करते हुए "दोनों पक्षों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों, सूचना और खुफिया जानकारी साझा करने, मनी-लॉन्ड्रिंग, नशीली दवाओं की तस्करी और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराध में सहयोग को मजबूत करने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की."

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किन मुद्दों पर बनी सहमति

आतंकवाद, कट्टरपंथ और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए साइबर स्पेस के इस्तेमाल को रोकने समेत साइबर सुरक्षा में सहयोग को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई. संयुक्त बयान के मुताबिक, "दोनों पक्षों ने उभरती प्रौद्योगिकियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत तकनीक के क्षेत्र में गहन सहयोग को आगे बढ़ाने में रुचि जाहिर की."

वहीं कुवैती पक्ष ने अपनी खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ सहयोग में भी रुचि दिखाई. दोनों पक्षों ने भारत में फूड पार्कों में कुवैती कंपनियों द्वारा निवेश समेत सहयोग के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की.

भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का सदस्य बनने के कुवैत के फैसले का स्वागत किया, जो कम कार्बन उत्सर्जन वाले विकास के तरीके विकसित करने और उन्हें लागू करने तथा टिकाऊ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

भारत और कुवैत ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और विस्तारित करने के लिए नवगठित संयुक्त सहयोग आयोग (जेसीसी) और इसके तहत संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठकें जल्द बुलाने पर जोर दिया गया.

रक्षा पर समझौता ज्ञापन के अलावा, 2025-2028 के लिए खेल के क्षेत्र में सहयोग पर कार्यकारी कार्यक्रम और 2025-2029 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) पर भी हस्ताक्षर किए गए.

खेल के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत और कुवैत के खेल के दिग्गज एक-दूसरे के यहां जाएंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे और खेल से जुड़े कार्यक्रमों व स्पोर्ट्स मेडिसिन, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स मीडिया, स्पोर्ट्स साइंस और अन्य क्षेत्रों की योजनाओं में हिस्सा लेंगे.

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कुवैत ने मोदी को दिया अपना सर्वोच्च सम्मान

कुवैत यात्रा के दौरान मोदी को रविवार को देश का सबसे बड़ा सम्मान "द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर" दिया गया है. यह पीएम मोदी को किसी देश द्वारा दिया गया 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है. "मुबारक अल कबीर ऑर्डर" कुवैत का एक विशेष नाइटहुड सम्मान है. यह सम्मान आमतौर पर किसी देश के प्रमुख, विदेशी शासकों और राज परिवार के सदस्यों को दोस्ती के प्रतीक के रूप में दिया जाता है.

कुवैत यात्रा के दौरान मोदी ने शनिवार को कुवैत में एक श्रमिक कैंप का भी दौरा किया था. मोदी ने कुवैत के मीना अब्दुल्ला क्षेत्र में गल्फ स्पिक लेबर कैंप का दौरा किया, जिसमें लगभग 1,500 भारतीय नागरिक काम करते हैं. कुवैत में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है. कुवैत की कुल आबादी में भारतीय 21 प्रतिशत (10 लाख) हैं और इसके कार्यबल (लगभग 9 लाख) में 30 प्रतिशत हैं.

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