Weather Update: ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड में हो सकती है भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

देश के कई राज्यों में अब भी रुक रुक के बारिश हो रही है. वहीं मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर कहा है कि आगमी दो दिनों में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड में 4 अक्टूबर तक भारी बारिश हो सकती है. बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं इस समय इसकी स्थिति उत्तर पूर्व और उत्तरी भागों पर है. अगले 2 दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए अनुकूल स्थिति हो सकती है. सितंबर महीने में कई राज्यों में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बन गई थी. फिलहाल हालत अब सामन्य हो रहे हैं. लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी एक बार फिर से लोगों को सजग कर दिया है.

मौसम का बदला मिजाज (Photo Credits: IANS/File)

देश के कई राज्यों में अब भी रुक रुक के बारिश हो रही है. वहीं मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर कहा है कि आगमी दो दिनों में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड में 4 अक्टूबर तक भारी बारिश हो सकती है. बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं इस समय इसकी स्थिति उत्तर पूर्व और उत्तरी भागों पर है. अगले 2 दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए अनुकूल स्थिति हो सकती है. सितंबर महीने में कई राज्यों में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बन गई थी. फिलहाल हालत अब सामन्य हो रहे हैं. लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी एक बार फिर से लोगों को सजग कर दिया है.

बता दें कि इससे पहले मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए कहा था, चार महीने के बारिश के मौसम के दौरान सामान्य से ज्यादा बारिश हुई. इस तरह पिछले 30 साल में तीसरी बार सबसे ज्यादा बारिश हुई है. देश में तीन महीने जून (118 प्रतिशत), अगस्त (127 प्रतिशत) और सितंबर (104 प्रतिशत) बारिश हुई जबकि जुलाई (90 प्रतिशत) में औसत से कम बारिश हुई. इस तरह मानसून के दौरान सामान्य से ज्यादा यानि 109 प्रतिशत बारिश हुई.

देश में मानसून की अवधि एक जून से शुरू होकर 30 सितंबर तक होती है. दक्षिण-पश्चिम मानसून देश की वार्षिक वर्षा में 70 प्रतिशत योगदान देता है। यह कृषि क्षेत्र के लिए काफी मायने रखता है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अच्छी बारिश से खरीफ फसल की बुआई को बढ़ावा मिला और किसानों ने पिछले सप्ताह तक 1,116.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,066.06 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई थी. (भाषा इनपुट)

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