
15 अगस्त को आयोजित एक रैली के दौरान रणथंबोर टाइगर रिज़र्व (RTR) में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले 14 एसयूवी मालिकों पर वन विभाग ने शनिवार को एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया. यह जुर्माना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27/51 के तहत लगाया गया.
अवैध प्रवेश और जुर्माना
वन विभाग द्वारा जब्त की गई 14 वाहनों में से 12 को एक लाख रुपये प्रति वाहन के जुर्माना के बाद छोड़ दिया गया, जबकि आयोजकों के स्वामित्व वाली दो अन्य गाड़ियों को जब्त कर लिया गया. वन्यजीवों के मुख्य संरक्षण अधिकारी पीके उपाध्याय ने कहा, "हमने बाहरी क्षेत्रों से आए वाहनों को भारी जुर्माना लगाने के बाद छोड़ दिया. आयोजकों की भूमिका की अभी भी जांच चल रही है, और उनके वाहन जब्त रहेंगे. हमने भागीदारों के वाहनों की जांच की, और सौभाग्य से उनमें से किसी ने भी लकड़ी या सिंग आदि नहीं उठाए थे. अन्यथा, जुर्माना भरने के बाद भी उनके वाहन नहीं छोड़े जाते."
जांच और प्रशासनिक कार्रवाई
वन विभाग की इस कार्रवाई ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि रणथंबोर जैसे संरक्षित क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन नहीं सहा जाएगा. यह घटना वन्यजीव संरक्षण के प्रति गंभीरता और स्थानीय प्रशासन की तत्परता को उजागर करती है.
14 owners fined Rs 1L per SUV for entering #Ranthambore Tiger Reserve illegally
The forest department imposed a penalty of Rs 1 lakh each on 14 SUV owners who illegally entered RTR during an adventure rally on August 15
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— The Times Of India (@timesofindia) August 18, 2024
रैंथंबोर टाइगर रिज़र्व जैसे संरक्षित क्षेत्रों में यात्रा करने वाले लोगों से अनुरोध है कि वे वन्यजीव संरक्षण के नियमों और कानूनों का पालन करें. इस तरह की घटनाएं वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं. प्रशासन और वन विभाग के प्रयासों से ही इन प्राकृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखा जा सकता है.
इस घटना से स्पष्ट है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ऐसे मामलों में प्रशासन की कार्रवाई सतर्कता और सजगता की मिसाल पेश करती है.