हैदराबाद के 7 वर्षीय विराट चंद्र तेलुकुंट्टा (Virat Chandra Telukunta), किलिमंजारो माउंट पर विजय प्राप्त कर आज भारत लौट आए हैं. विराट किलिमंजारो माउंट पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के लोगों में से एक हैं. 6 मार्च को 75 दिनों के कठोर प्रशिक्षण के बाद, विराट अपने कोच भरत थम्मिननी (Bharath Thammineni) के साथ अफ्रीकी पर्वत के शिखर पर पहुंचे. पर्वतारोहण में विराट की दिलचस्पी तब बढ़ी जब उन्हें इनके चचेरे भाइयों ने वीडियो कॉल किया, जो उस समय पहाड़ों पर थे. विराट ने कहा,“मेरे चचेरे भाई, जो 16 और 13 साल के हैं, उत्तराखंड के रुदुगायरा पर्वत (Rudugaira Mountains) से हमें वीडियो कॉल किया था. मैं पहाड़ों को देख कर रोमांचित हुआ था और अपने माता-पिता से कहा कि मैं भी जाना चाहता हूं.
जबकि विराट जानते थे कि वह पहाड़ों पर चढ़ने के लिए तैयार है, लेकिन उनके माता-पिता इतने आश्वस्त नहीं थे. विराट की मां मधु ने कहा, "हमने सोचा कि यह बच्चा है, जो ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा है," लेकिन वह एक सप्ताह तक जोर देता रहा, जिसके बाद हमने भरत थम्मिननी से बात करने का फैसला किया, इन्होने पहाड़ों पर चढ़ने के लिए विराट के चचेरे भाई को कोच किया है. यह भी पढ़ें: छिंदवाड़ा की भावना ने जान जोखिम में डालकर माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की पूरी
देखें ट्वीट:
Telangana: A seven-year-old boy, Virat Chandra, from Hyderabad has scaled Mount Kilimanjaro, the highest mountain in Africa
"We took all precautions & had decided that we'd return if he'd feel uneasy but he made us proud," said Bharat, who led Virat's expedition (15.03) pic.twitter.com/Z04qwwQvn6
— ANI (@ANI) March 16, 2021
एक महीने के प्रशिक्षण के बाद ही भरत, जो कि बूट्स एंड क्रैम्पन्स एक साहसिक और पर्वतारोहण कंपनी के संस्थापक हैं, ने विराट को किलिमंजारो ले जाने का फैसला किया. “जब विराट मेरे पास आया, तो वह बहुत उत्साहित था. ”विराट के कोच भरत ने कहा मैंने लोगों को पीछे हटते देखा है, जब हम उन्हें कठोर प्रशिक्षण करवाते हैं. इसलिए, मैंने एक महीने के लिए विराट को प्रशिक्षित करने और उनकी क्षमता की जांच करने का फैसला किया.
लेकिन विराट पीछे नहीं हटे, हर दिन, सात-वर्षीय अपने प्रशिक्षण के लिए समय पर आता था, जिसमें हर दिन 6 किलोमीटर दौड़ना, पहाड़ियों पर चढ़ना और योग करना शामिल था. उन्होंने 28 फरवरी को दार-एस-सलाम के लिए रवाना होने से पहले 5k मैराथन में भी भाग लिया था.
अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए, सिकंदराबाद के गीतांजलि देवशाला में क्लास 2nd के छात्र विराट कहते हैं, “5 मार्च को मुझे होरोम्बो हट्स (Horombo Huts) भरत सर और अपने माता-पिता के लिए एडियू बिड करना था और मैं सुबह 9 बजे किबु (Kibu) से रवाना हुआ. इसकी उंचाई 4,720 मीटर थी. यह यात्रा बहुत चुनौतीपूर्ण थी. हमने बहुत कठोर जलवायु का सामना किया. वहां पहुंचने के बाद, हमने जल्दी खाना खाया और सो गए. उरु चोटी के लिए हमने अगली सुबह 3.40 बजे चढ़ाई शुरू की, जो अफ्रीका का सबसे ऊंचा स्थान है. ” विराट ने कहा कि घने कोहरे और हवा के कारण वह थोड़ा डरे हुए थे. बहुत कम दिखाई दे रहा था, मैं डर गया था क्योंकि अभी भी अंधेरा था और बर्फीली तेज हवाएं चल रही थीं. शिखर तक पहुंचने में लगभग आठ घंटे लगे. मैंने जिस मिशन के बारे में सोचा था, उसे पूरा करके खुश हूं. " अपने माता-पिता और कोच के साथ विराट आज भारत लौट आए हैं.