Honey Trap Scandal: महाराष्ट्र में 72 वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व मंत्री हनी ट्रैप का हुए शिकार, कई शिकायते दर्ज होने के बाद जांच शुरू

मुंबई, 16 जुलाई: महाराष्ट्र के एक राजनेता ने दावा किया है कि 72 वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व मंत्री हनी ट्रैप कांड में फंसे हैं. नासिक दौरे के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में राजनेता ने यह कथित दावा किया. इससे महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है, क्योंकि सभी अधिकारी और पूर्व मंत्री कथित तौर पर नासिक और अन्य जगहों के रहने वाले बताए जा रहे हैं. यह भी पता चला है कि एक महिला ने इस मामले में नासिक के मुंबई नाका पुलिस स्टेशन में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है. टीवी9 मराठी की एक रिपोर्ट के अनुसार, नासिक का एक वरिष्ठ अधिकारी हनी ट्रैप रैकेट में फंसा हुआ है. हालांकि, इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि घटना से जुड़े वीडियो हनी ट्रैप के असली सबूत हैं या नहीं. यह भी पढ़ें: Mumbai: होटल बुलाकर गंदे काम करती, फिर रेप केस में फंसाने की धमकी देती; ठाणे में हाई-प्रोफाइल हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश

यह कथित घटना सबसे पहले नासिक में एक फाइव स्टार होटल में हुई घटना के संबंध में शिकायत दर्ज होने के बाद सामने आई. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हनी ट्रैप में फंसे वरिष्ठ अधिकारी और नेता नासिक, मुंबई और पुणे के हैं. हालांकि आरोप गंभीर हैं, फिर भी अभी तक किसी भी अधिकारी ने हनी ट्रैप के दावों पर आगे आकर कोई टिप्पणी नहीं की है. यह भी बताया गया है कि नासिक में एक प्रमुख राजनीतिक दल का पूर्व पदाधिकारी इस हनी ट्रैप कांड का मास्टरमाइंड है. यह मामला तब सुर्खियों में आया जब एक वरिष्ठ राजनेता ने सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा की. इस घटना के संबंध में कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से तीन ठाणे जिला पुलिस में दर्ज हैं.

हनी ट्रैप कांड में शामिल लोगों में सात फर्स्ट क्लास के प्रशासनिक अधिकारी, नौकरशाह और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि हनी ट्रैप के सरगना ने एक वरिष्ठ अधिकारी से तीन करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसके कारण अधिकारी ने आत्महत्या कर ली. इसके बाद अधिकारी की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई.

इस बीच, मामले की जांच पूरी तत्परता से की जा रही है. रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि हनी ट्रैप में फंसे मंत्री उत्तरी महाराष्ट्र से हैं और अब तक दर्ज शिकायतों में उनके नाम भी शामिल हैं. यह घटनाक्रम विधानसभा के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान सामने आया है.