नई दिल्ली: वैष्णो देवी कटरा के लिए चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express train ) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah ) आज हरी झंडी दिखाएंगे. नई दिल्ली से कटरा के बीच अब यह ट्रेन पांच अक्टूबर से रोजाना दौड़ेगी. हाई स्पीड ट्रेन चलने से दिल्ली और कटरा के बीच यात्रा का समय 12 घंटे से कम होकर आठ घंटे रह जाएगा. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन रास्ते में अंबाला कैंट, लुधियाना और जम्मू तवी स्टेशनों पर दो- दो मिनट के लिए रूकेगी. रेलगाड़ी मंगलवार को छोड़कर सभी दिनों चलेगी. कुछ दिनों पहले ही दिल्ली-कटरा वंदे भारत ट्रेन (Delhi-Katra Vande Bharat Express) का ट्रायल पूरा कर लिया गया है. जिसके बाद इसे शुरू किया जा रहा है.
कटरा वंदे भारत एक्सप्रेस का पांच अक्टूबर से व्यावसायिक संचालन होगा और टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर शुरू हो गई है. कटरा वंदे भारत में भी डायनामिक फेयर लागू नहीं किया है. दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत में भी यह किराया प्रणाली लागू नहीं है. नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच न्यूनतम किराया 1630 रुपया है और अधिकतम किराया 3015 रुपये है.
Union Home Minister Amit Shah will flag off the Vande Bharat Express train from New Delhi to Katra (Jammu & Kashmir), today. pic.twitter.com/ZaG7s3SfZE
— ANI (@ANI) October 3, 2019
समय की होगी बचत
बता दें कि दिल्ली-कटरा रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस हफ्ते में 5 दिन चलेगी और इसकी तेज रफ्तार के कारण यात्रा के समय में कमी आएगी. पहले जहां वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा के लिए 12 घंटे का समय लगता था, वहीं अब इस ट्रेन के कारण सिर्फ 8 घंटे का समय लगेगा. वंदे भारत की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि इसकी औसत रफ्तार 82 किमी प्रति घंटा है. दिल्ली से लुधियाना के बीच यह ट्रेन 120-130 की रफ्तार से दौड़ेगी, जबकि लुधियाना से कटरा के बीच इसकी रफ्तार कम कर दी जाएगी और यह 75-80 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी.
यह भी पढ़ें:- इंडियन रेलवे में निवेश कर घर बैठे करें कमाई, 30 सितंबर को IRCTC IPO के जरिए मिलेगा मौका
देश के व्यस्त रूटों को अपग्रेड करने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर 2021 तक तक वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा की शुरुआत होगी. इसके साथ ही साल 2022 तक भारत में 40 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी. इसके लिए नए विशिष्ट निर्देशों के अनुसार, काम किया जा रहा है. इस काम में पूरी तरह पारदर्शिता होगी और यह काम मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट (Make in India) का हिस्सा होगा.