हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की अनोखी मिसाल, अयोध्या में कब्रिस्तान बनाने के लिए दान की जमीन
कब्रिस्तान (Photo Credits: Wikimedia Commons)

लखनऊ: अयोध्या अभी तक मंदिर-मस्जिद के झगड़े के लिए ही जाना जाता रहा है, लेकिन अब यहां पर हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की ऐसी मिसाल पेश की गई है जिसकी चारों तरफ सराहना हो रही है. गोंसाईगंज के बेलवारी खान के हिंदुओं ने मुस्लिमों को कब्रिस्तान के लिए जमीन दान में दी है. भूमि दान कर्ता रीपदांद महाराज ने बताया कि सैकड़ों वर्षो से गोसाईगंज नगर व आसपास के मुसलमान उक्त भूमि को कब्रिस्तान के रूप में उपयोग करते आए हैं लेकिन मालिकाना हक के लिए भूमि अब तक दोनों समुदायों के बीच विवाद का कारण रही है. स्थानीय संत सूर्य कुमार झिनकन महाराज और आठ अन्य शेयरधारकों ने विवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए 20 जून को 1़25 बिस्वा भूमि के लिए पंजीकृत विलेख पर हस्ताक्षर किए.

उन्होंने बताया कि हम लोगों ने अपने पूर्वजों के दिए गए वचन को निभाते हुए खतौनी में चले आ रहे अपने मालिकाना हक को समाप्त करते हुए मुस्लिम कब्रिस्तान कमेटी के पक्ष में पंजीकृत दान पत्र लिख दिया है.

भूमि अभिलेख के अन्य हस्ताक्षरकर्ता राम प्रकाश बबलू, राम सिंगार पांडे, राम शबद, जिया राम, सुभाष चंद्र, रीता देवी, विंध्याचल और अवधेश पांडे हैं.

इसके लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू का आभार जताया. पहल करने वाले स्थानीय भाजपा विधायक खब्बू तिवारी ने कहा, हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की परंपरा कोई नई बात नहीं है. यह हिंदुओं का मुस्लिमों के लिए प्यार का एक छोटा सा नमूना है. मुझे उम्मीद है कि यह आपसी सौहार्द बना रहेगा.

झिंकली महाराज ने कहा, जमीन रिकॉर्ड के अनुसार हिंदुओं की थी. यह एक कब्रिस्तान के किनारे है और कुछ मुसलमानों ने जमीन पर शवों को दफन कर दिया. विवाद और तनाव थे. लेकिन, अब हमने मामला सुलझा लिया है.

कब्रिस्तान कमेटी के अध्यक्ष वैस अंसारी ने कहा डीड अब कब्रिस्तान कमेटी, गोसाईंगंज के पक्ष में है और इसे जल्द ही राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. यह बहुत अच्छी पहल है, इसका हम स्वागत करते हैं.

उप-पंजीयक एस़.बी. सिंह ने कब्रिस्तान के लिए मुसलमानों को भूमि हस्तांतरित करने की पुष्टि की और कहा कि यह हिंदू समुदाय की ओर से एक उपहार है.