हिदू समूहों ने गोवा में चीनी पटाखों पर प्रतिबंध की मांग की
गोवा में हिंदू समूहों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से दिवाली के पहले चीनी पटाखों के साथ ही साथ उन पटाखों को भी बैन करने की मांग की है, जिनके कवर पर हिंदू देवी-देवताओं और राष्ट्रीय नायकों की छवियां बनी होती हैं.
गोवा में हिंदू समूहों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) से दिवाली के पहले चीनी पटाखों के साथ ही साथ उन पटाखों को भी बैन करने की मांग की है, जिनके कवर पर हिंदू देवी-देवताओं और राष्ट्रीय नायकों की छवियां बनी होती हैं. राज्य में कई हिंदू समूहों की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर हिंदू जनजागृति समिति के राज्य संयोजक डॉ. मनोज सोलंकी ने यह भी कहा कि चीनी पटाखों पर प्रतिबंध उसी भावना से लगाया जाना चाहिए जैसे कि केंद्र सरकार द्वारा चीनी मोबाइल ऐप पर लगाया गया.
सोलंकी ने कहा, "चीन की खराब नीतियों के कारण पिछले कई महीनों से भारत-चीन सीमा पर तनाव है. चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ किया और हमारे भारतीय सैनिकों पर हमला किया. इस संदर्भ में, भारत सरकार ने चीन पर वित्तीय और व्यापार प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है. भारत ने कुछ महीने पहले चीन के ऐप पर प्रतिबंध लगाया था." सावंत को लिखे पत्र में कहा गया है, "चीनी पटाखों में पोटेशियम क्लोराइड और पोटेशियम पर-क्लोराइड का मिश्रण होता है, लेकिन भारत में इन रसायनों के उपयोग पर प्रतिबंध है. इसलिए, ये चीनी पटाखे सस्ते हैं, वे वातावरण को बहुत बुरी तरह से प्रदूषित करते हैं." यह भी पढ़े: Firecrackers Ban: दिल्ली के बाद मुंबई में भी पटाखों पर एक्शन, सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाजी बैन, दिवाली की शाम रहेगी छूट
संगठन ने कुछ पटाखों के कवर पर छपे राष्ट्रीय नायकों और देवताओं की तस्वीरों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है और जब ये पटाखे जलाए जाते हैं तो फटे हुए चित्र हर जगह बिकर जाते हैं. सोलंकी ने कहा कि वे राहगीरों के पैरों तले कुचले जाते हैं. वे गटर, कचरा, में पहुंच जाते हैं. राष्ट्रीय नायकों और देवताओं की तस्वीरों के साथ ऐसा सलूक हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचती है. यह हमारी पहचान पर भी हमला है. सरकार को इस तरह के कवर वाले पटाखों की बिक्री को रोकना चाहिए.