शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बरस रही आसमानी आफत से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. भारी बारिश से पहाड़ी इलाकों में कई जगह लैंडस्लाइड होने से हाईवे सहित कई सड़कें बंद हैं. 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में अब तक 122 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने के कारण राज्य को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अभी तक प्रदेश में 4635 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है. हिमाचल में डीजल हुआ महंगा, सरकार ने वैट 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया.
इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है, 21 जुलाई तक 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है. राज्य में 23 जुलाई तक बारिश होने का अनुमान लगाया है. मौसम कार्यालय ने अपने बुलेटिन में यह भी कहा कि कुल्लू में भारी बारिश की संभावना है. मौसम कार्यालय ने हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड के लिए भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में सोमवार तड़के बादल फटने की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे. कुल्लू में कायास गांव के पास सोमवार तड़के करीब तीन बजकर 55 मिनट पर यह घटना हुई, जिससे कई वाहन बह गए और एक सड़क अवरुद्ध हो गई.
आपदा प्रभावितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाई गई
भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं के पीड़ितों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने सोमवार को विभिन्न श्रेणियों के लिए मुआवजे में वृद्धि की घोषणा की. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने एक बयान में कहा, ‘‘गत 7 जुलाई से 15 जुलाई के बीच भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से प्रभावित परिवारों को विशेष नियमों के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी.’’
सुक्खू ने 11 जुलाई को प्रभावित परिवारों को एक लाख रुपये की सहायता की घोषणा की थी और कहा था कि सरकार राहत सहायता बढ़ाने के लिए नियमावली में बदलाव करेगी. नियमावली के अनुसार प्रत्येक आपदा पीड़ित को इस समय 5,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि अभूतपूर्व आपदा को देखते हुए आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के और कच्चे मकानों के लिए क्रमश: 12,500 रुपये और 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है.