बेंगलुरु, 7 मार्च : बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने सोमवार को शहर के स्कूलों और कॉलेजों के आसपास 22 मार्च तक निषेधाज्ञा लागू करने का फैसला लिया है. आदेश में कहा गया है कि बेंगलुरु शहर में स्कूलों, पीयू कॉलेजों, डिग्री कॉलेजों या इसी तरह के अन्य शिक्षण संस्थानों के 200 मीटर क्षेत्र के भीतर किसी भी प्रकार की कोई भी सभा, आंदोलन या विरोध की इजाजत नहीं है और पहले लागू की गई निषेधाज्ञा को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है.
यह उल्लेख करते हुए कि राज्य के कुछ हिस्सों में, पिछले कुछ हफ्तों में, स्कूलों और कॉलेजों में वर्दी के नियमों को सख्ती से लागू करने के संबंध में विरोध और आंदोलन हुए हैं, उन्होंने कहा कि कई जगहों पर विरोध प्रदर्शनों ने सार्वजनिक शांति को भंग कर दिया है. बेंगलुरु शहर में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित सुरक्षा उपाय शुरू करना बहुत आवश्यक माना जा रहा है और यही वजह है कि इस प्रकार के आदेश जारी किए गए हैं. यह भी पढ़ें : भारत पर सीएएटीएसए प्रतिबंध लगाना बड़ी मूर्खता होगी: सीनेटर क्रूज
पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह मुद्दा अभी भी जीवित है और इस मुद्दे पर दूर-दूर तक विरोध प्रदर्शन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है और इसलिए आदेश जारी किया गया है. दक्षिण कन्नड़, उडुपी और शिवमोग्गा जिलों के कॉलेजों में विशेष तौर पर हिजाब विवाद उभरकर सामने आया है. कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा या परीक्षा में शामिल होने से रोकने के बाद कई छात्राओं ने उनके इस फैसले पर आपत्ति जताई है और मांग की है कि उन्हें हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति दी जाए.
उडुपी गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में यह विवाद सबसे पहले सामने आया था, जब कॉलेज प्रशासन की ओर से हिजाब पहनकर कक्षा में जाने से मना कर दिया गया था और फिर छह छात्राओं ने इसका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद छात्राओं को अन्य छात्र-छात्राओं का भी समर्थन मिलता गया और यह विवाद राज्य के अन्य कॉलेजों तक भी पहुंच गया. फिलहाल हाईकोर्ट ने दलीलों की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.