चंडीगढ़, 1 मार्च : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुवार को हरियाणा सरकार से कहा कि वह उसकी अनुमति के बिना डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और स्वयंभू संत गुरमीत राम रहीम सिंह की पैरोल पर विचार न करे. यह निर्देश अगले आदेश तक लागू रहेगा.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि राम रहीम को 2022 और 2023 में, प्रत्येक में 91 दिनों के लिए रिहा किया गया था. यह तीन मामलों में दोषी ठहराए गए राम रहीम की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए "दिलचस्प रीडिंग" है. यह भी पढ़ें : BJP आज जारी कर सकती है लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, पीएम मोदी ने देर रात तक की सीईसी की बैठक
पीठ ने कहा, "यह भी ध्यान देने योग्य है कि मौजूदा याचिका के लंबित होने के बावजूद, जिसमें 29 जनवरी, 2023 को प्रस्ताव का नोटिस जारी किया गया था, हरियाणा सरकार ने 20 जुलाई, 2023 को, 21 नवंबर, 2023 और इससे पहले 19 जनवरी, 2014 को 30, 21 और 50 दिनों की अवधि के लिए उसे पैरोल की छूट देने का विकल्प चुना.“
अदालत का हस्तक्षेप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा अस्थायी रिहाई के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आया. पीठ ने हरियाणा से ''ऐसे आपराधिक इतिहास वाले और तीन मामलों में सजा पाए'' ऐसे कई व्यक्तियों को लाभ देने पर एक हलफनामा पेश करने को कहा.