HC Fine On UP Police: गर्भवती महिला को थाने में क्यों रखा? हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस पर लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए ₹1 लाख का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने यह आदेश उस घटना पर दिया जब पुलिस ने एक गर्भवती महिला और उसके छोटे बच्चे को छह घंटे से अधिक समय तक थाने में रखा, सिर्फ उसकी 2021 के अपहरण मामले में बयान दर्ज करने के लिए. कोर्ट ने इसे महिला के साथ अमानवीय बर्ताव करार दिया और पुलिस अधिकारियों को तत्काल सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

क्या था मामला?

गर्भवती महिला चाँदनी सिंह को उसके भाई द्वारा 2021 में दर्ज किए गए अपहरण के मामले में बयान देने के लिए पुलिस ने थाने बुलाया था. महिला उस समय आठ महीने की गर्भवती थी और पुलिस ने उसे और उसके दो साल के बच्चे को 12:15 बजे से 6:30 बजे तक थाने में रखा, जबकि इस दौरान महिला को कोई मेडिकल सुविधा भी नहीं दी गई. कोर्ट ने इसे शारीरिक और मानसिक रूप से अत्याचार मानते हुए राज्य को महिला को ₹1 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया.

पुलिस की लापरवाही पर सवाल

कोर्ट ने पुलिस के जांच अधिकारी (IO) पर भी सवाल उठाए. पुलिस ने महिला को बिना किसी ठोस कारण के थाने बुलाया और न तो वह महिला की उम्र की पुष्टि करने के लिए कोई सवाल पूछे और न ही अपहरण के मामले की पूरी जानकारी ली. कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में पुलिस की जांच पूरी तरह से असंवेदनशील थी और यह अधिकार के दुरुपयोग का मामला था.

कोर्ट का आदेश और अगला कदम

कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को मामले की जांच करने और तीन महीने के भीतर निष्कर्ष पर पहुंचने का आदेश दिया. साथ ही, कोर्ट ने राज्य से महिला के मामलों में बेहतर दिशा-निर्देश जारी करने की उम्मीद जताई है ताकि महिलाओं के खिलाफ इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. अगला सुनवाई 11 दिसंबर 2024 को होगी.