उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की मुश्किलें बढ़ी, स्टिंग मामले में दर्ज होगा एफआईआर- HC ने दी अनुमति
हरीश रावत (Photo Credits: PTI)

देहरादून: कांग्रेस (Congress) नेताओं की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. पी चिदंबरम और डी शिवकुमार के बाद अब कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे है. साल 2016 में सामने आए स्टिंग विडियो मामले में रावत पर एफआईआर दर्ज करने की अनुमति सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को मिल गई है.

नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने इस स्टिंग वीडियो मामले में राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच शुरू कर सकती है लेकिन कोर्ट के अंतिम फैसले तक एजेंसी रावत को गिरफ्तार नहीं कर सकती है.

इस स्टिंग विडियो में रावत सत्ता में बने रहने के लिए अपने खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए कथित रूप से हॉर्स ट्रेडिंग करते दिख रहे है. हालांकि रावत का कहना है कि उनपर लगे सभ आरोप गलत है और उन्हें ‘षड्यंत्रपूर्वक’ फंसाया गया है.

कुछ दिन पहले पूर्व सीएम रावत ने कई ट्वीट करके अपनी व्यथा प्रकट किया था. उन्होंने कहा, 'मैं एक षड्यंत्र का शिकार हूं. षड़यंत्र मेरी सरकार को गिराने का भी हुआ है, जो स्टिंगकर्ता की स्वीकारोक्ति से स्पष्ट है. बकौल स्टिंगकर्ता, षड़यंत्रकारियों में से एक व्यक्ति का पुत्र मुख्यमंत्री आवास में रहकर सैटर (दलाल) का काम करता था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया व मेरी सरकार को बर्खास्त किया गया और अब मेरी आवाज को घोंटने के लिये सीबीआई पर एफआईआर दर्ज करने व मेरा उत्पीड़न करने का दबाव बनाया जा रहा है.’’

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वर्ष 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के दौरान एक वीडियो सामने आया था जिसमें हरीश रावत सत्ता में बने रहने के लिये बीजेपी के साथ चले गये असंतुष्ट विधायकों को समर्थन दोबारा हासिल करने के लिये कथित तौर पर धन की सौदेबाजी करते दिखाई दे रहे हैं.