भारत-म्यांमार बॉर्डर पर 37 हजार करोड़ रुपये से लगेगा हाईटेक बाड़, घुसपैठ और तस्करी पर मोदी सरकार का बड़ा एक्शन
भारत करीब 1610 किलोमीटर लंबी, म्यांमार के साथ लगने वाली अपनी खुली सीमा पर बाड़ लगाने की योजना बना रहा है. इस परियोजना पर करीब 37000 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं.
भारत करीब 1610 किलोमीटर लंबी, म्यांमार के साथ लगने वाली अपनी खुली सीमा पर बाड़ लगाने की योजना बना रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस परियोजना पर करीब 3.7 अरब डॉलर (लगभग 37000 करोड़ रुपये) खर्च किए जा सकते हैं. इस बाड़ को लगाने का मुख्य उद्देश्य तस्करी और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकना है.
इस साल की शुरुआत में भारत सरकार ने यह घोषणा की थी कि वह म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाएगी और दोनों देशों के बीच दशकों से चली आ रही सीमा पार बिना वीजा आने-जाने की सुविधा को खत्म कर देगी. गौरतल लड़ बात है कि म्यांमार में हाल ही में सैन्य तख्तापलट हुआ है. भारत सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की जनसंख्या संरचना को बनाए रखने के लिए उठाया जा रहा है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि एक सरकारी कमेटी ने हाल ही में इस बाड़ की लागत को मंजूरी दे दी है. हालांकि अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट को करना है. इस मामले में सूत्रों ने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं है.
प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस बारे में टिप्पणी के लिए ईमेल भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
म्यांमार सरकार ने भी भारत की इस बाड़ लगाने की योजना पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.
बता दें कि म्यांमार में 2021 में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से वहां से हजारों की संख्या में आम लोग और सैकड़ों सैनिक भारत भाग आए हैं. भारत और म्यांमार की सीमा पर रहने वाले लोगों के बीच पारिवारिक और जातीय संबंध हैं. इससे भारत सरकार को चिंता है कि इन लोगों के आने से भारत में भी सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है.
भारत सरकार के कुछ सदस्यों का यह भी कहना है कि म्यांमार से लगी पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अशांत स्थिति पैदा होने के लिए भी यह खुली सीमा जिम्मेदार है. बता दें कि मणिपुर में करीब एक साल से दो अलग-अलग जातीय समूहों के बीच संघर्ष चल रहा है. इनमें से एक समूह की म्यांमार के चिन समुदाय के साथ रिश्तेदारी है.
सूत्रों ने यह भी बताया है कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की कमेटी ने इस बाड़ के साथ-साथ उस पर निगरानी रखने के लिए सड़क बनाने और सीमा पर तैनात सैन्य ठिकानों को जोड़ने के लिए 1700 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की भी योजना को मंजूरी दे दी है.
सूत्रों के मुताबिक बाड़ और उसके साथ बनने वाली सड़क पर हर किलोमीटर पर करीब 12.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह लागत 2020 में बांग्लादेश सीमा पर लगाई गई बाड़ से दोगुनी से भी ज्यादा है. ऐसा इसलिए क्योंकि म्यांमार सीमा पर पहाड़ी इलाका है और इस बाड़ में घुसपैठ और जंग को रोकने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.