स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेलवे में बनाए गए कोविड केयर कोचों के लिए जारी की SOP, संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों को रखा जाएगा अलग
रेलवे में बनाए गए कोविड केयर कोच (Photo Credit: ANI)

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने रेलवे (Railway) में बनाए गए COVID-19 केयर कोचों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है. वर्तमान में, रेलवे ने चार राज्यों में 204 आइसोलेशन कोच तैनात किए हैं, जिसमें दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर 54 शामिल हैं, अधिकारियों ने कहा कि ऐसे कोचों की संख्या राष्ट्रीय राजधानी में 500 तक हो जाएगी. मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक ट्रेनों में कोविड केयर कोच बनाने का मकसद लक्षणों वाले संक्रमित और पहले से बीमार मरीजों को इलाज मुहैया कराना है.

कोचों का उपयोग संदिग्ध और पॉजिटिव मामलों के लिए किया जाएगा, इन्हें बहुत हल्के और हल्के में भी वर्गीकृत किया जाएगा. लक्षणों के बदलने या फिर स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते मरीज को नजदीकी अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है. एसओपी में निर्देश दिए गए हैं कि जरूरत पड़ने पर कोविड-19 के मरीजों को रेलवे द्वारा तैयार किए गए बेड दिए जाएंगे. यह भी पढ़ें- कोरोना संकट के बीच 16 जून से मुंबई एयरपोर्ट पर हर दिन होगा 100 फ्लाइट्स का परिचालन. 

कोविड केयर कोचों के लिए SOP-

रेलवे ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कोरोना के खिलाफ जारी अपने अभियान में 5 हजार से अधिक रेलवे कोच को आइसोलेशन बेड्स में तब्दील किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 6 मई को जो निर्देश जारी किए गए थे, उसके आधार पर रेलवे आइसोलेशन सेंटर बनाने का काम कर रहा है.

रेलवे कोच में बने आइसोलेशन सेंटर में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज रखे जाएंगे. कोरोना के संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से कोच बनाए जाएंगे. रेलवे ने इसके लिए नोडल अफसर बनाए हैं जो अलग-अलग राज्यों में कोविड केयर बेड्स की जानकारी देंगे. 130 स्टेशन ऐसे हैं जहां रेलवे की कोई मेडिकल टीम नहीं है, इसलिए राज्यों से कहा गया है कि वे मेडिकल टीम मुहैया कराएं.