लखनऊ: हाथरस (Hathras) में हुई गैंगरेप पीड़िता की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गैंगरेप केस की जांच के लिए तीन सदस्यों वाली एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है. गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में यह टीम काम करेगी. हाथरस गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद सियासत गरमाई हुई है. विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर हमलावर है.
हाथरस की घटना के बाद देश भर में एक बार फिर महिला अपराधों पर बहस शुरू हो गई है. घटना को लेकर यूपी पुलिस और यूपी सरकार सवालों के घेरों में आ गई है. हाथरस की घटना के कारण देश के हर हिस्से में लोगों के बीच गुस्सा दिख रहा है. आम जनता और विपक्ष से लेकर बॉलीवुड तक हर कोई पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहा है. विपक्ष ने यूपी सरकार के कानून व्यवस्था के दावों पर सवाल खड़ा किया है. यह भी पढ़ें | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म को लेकर की CM योगी आदित्यनाथ ने इस्तीफे की मांग.
जांच के लिए तीन-सदस्यीय SIT का गठन:
CM Yogi Adityanath forms a three-member SIT to investigate #Hathras gangrape incident, the team to submit a report within 7 days. CM also directs for trial of the case in a fast-track court. pic.twitter.com/9fVzJaNGdm
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2020
इस बीच पीड़िता के परिवार ने यूपी पुलिस पर जबरन अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया है. परिवारवालों का आरोप है कि, "पुलिस ने हमारी गुहार सुने बिना जबरन पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया. रिपोर्ट्स के अनुसार परिवार वालों का कहना है, "पुलिसकर्मियों द्वारा उसका अंतिम संस्कार किया गया. हमसे पूछे बिना ही अंतिम संस्कार किया गया और जब शव को जलाया गया तो हमें घर में बंद कर दिया गया."
लड़की के भाई ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "पुलिस जबरन शव और मेरे पिता को दाह संस्कार के लिए ले गई. जब मेरे पिता हाथरस पहुंचे, तो उन्हें तुरंत पुलिस द्वारा श्मशान ले जाया गया." महिला का शव आधी रात के आसपास उसके गांव पहुंचा और बुधवार को सुबह 3 बजे तक अंतिम संस्कार किया गया.