हरियाणा की जेलों का होगा अपना जेल रेडियो

हरियाणा प्रदेश की जेलों में अब कैदियों का अपना रेडियो स्टेशन होगा और इस प्रकार के पहले रेडियो स्टेशन की शुरूआत सेंट्रल जेल अंबाला, ज़िला जेल पानीपत और ज़िला जेल फरीदाबाद से की जाएगी

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Photo)

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर : हरियाणा प्रदेश (Haryana Pradesh) की जेलों में अब कैदियों का अपना रेडियो स्टेशन (Radio station) होगा और इस प्रकार के पहले रेडियो स्टेशन की शुरूआत सेंट्रल जेल अंबाला, ज़िला जेल पानीपत और ज़िला जेल फरीदाबाद (Faridabad) से की जाएगी इन जेलों में रेडियो स्टेशन का नाम होगा टीजेआर यानी ‘तिनका जेल रेडियो’. हरियाणा में कुल 19 जेलें हैं, जिनमें से 3 सेंट्रल जबकि 16 ज़िला जेल हैं. फिलहाल हरियाणा की जेलों में कुल 20,423 बंदी हैं जिनमें 900 से अधिक महिला बंदी शामिल हैं. गैर सरकारी संगठन ‘तिनका तिनका’ की संस्थापक डॉ. वर्तिका नन्दा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर में ऑडिशन के बाद इन तीनों जेलों के 21 बंदियों का जेल रेडियो के लिए चयन हुआ था. इनमें पानीपत के 6, अंबाला के 6 और फरीदाबाद जेल के 10 बंदी थे. इन 22 बंदियों में फरीदाबाद जेल की 5 महिला बंदी भी शामिल हैं.

इन्हें यह ट्रेनिंग तिनका तिनका की संस्थापक डॉ. वर्तिका नन्दा (Dr. Vartika Nanda) ने दी है. उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग का मकसद इन बंदियों को रेडियो की ज़रूरत और उसके महत्व को समझाते हुए रेडियो के मुताबिक कार्यक्रम बनाने के लिए तैयार करना था. ट्रेनिंग का समापन समारोह फरीदाबाद की जेल में किया गया और इस दौरान हरियाणा जेल के महानिदेशक के. सेल्वाराज, जिला जेल फरीदाबाद के अधीक्षक जयकिशन छल्लर, केंद्रीय जेल, अंबाला के सुपरिटेंडेंट लखबीर सिंह बरार और जिला जेल, पानीपत के अधीक्षक देवी दयाल जूम बैठक में मौजूद रहे. यह भी पढ़ें : Haryana: हरियाणा में कोविड-19 के 351 नए मामले, संक्रमण से 8 और लोगों की जान गई

इस योजना के तहत जेल परिसर में रेडियो स्टेशन स्थापित किया जाएगा. इसमें रोज़ाना एक घंटे का कार्यक्रम होगा, जिसमें कानून, सेहत और संगीत से जुड़े कार्यक्रम होंगे. बंदी अपनी कविताएं और कहानियां भी सुनाएंगे. बंदी अपनी फरमाइश या सवाल लिखकर दे सकेंगे जिसका जवाब अगले कार्यक्रम में दिया जाएगा. के. सेल्वाराज ने इस अवसर पर कहा कि यह जेलें बहुत जल्द अपने रेडियो के जरिए बंदियों के लिए संवाद का जरिया बनेंगी. वर्तिका नन्दा के मुताबिक, “ माइक को पकड़े यह बंदी अब अपनी नई पहचान के साथ खड़े हैं.“ भारत में जेल रेडियो की शुरूआत सबसे पहले 2013 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में हुई थी. उस समय इस समारोह को देखने के लिए खुद वर्तिका नन्दा मौजूद थीं.

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