अन्नदाताओं के लिए हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, देश का पहला राज्य बन बाजरे की फसल ‘भावांतर भरपाई योजना’ में किया शामिल
हरियाणा सरकार ने अन्नदाताओं के हित में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इस खरीफ सत्र से बाजरा को राज्य की भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया जा रहा है. इस कदम से न केवल हरियाणा बल्कि पड़ोसी राज्यों- पंजाब और राजस्थान के किसानों को भी फायदा होगा.
चंडीगढ़: हरियाणा (Haryana) सरकार ने अन्नदाताओं के हित में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal ) ने बताया कि इस खरीफ सत्र से बाजरा (Bajra) को राज्य की भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpayee Yojana) में शामिल किया जा रहा है. इस कदम से न केवल हरियाणा बल्कि पड़ोसी राज्यों- पंजाब और राजस्थान के किसानों को भी फायदा होगा. हरियाणा की योजनाएं अंत्योदय सिद्धांतों से निर्देशित
हरियाणा सरकार इस खरीफ सत्र से बाजरा को राज्य की भावांतर भरपाई योजना में शामिल करेगी. सीएम मनोहर लाल ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा “किसान भाईयों के हितों को देखते हुए बाजरे की फसल को ‘भावांतर भरपाई योजना' में शामिल करने का निर्णय लिया है. मुझे बताते हुए गर्व हो रहा है कि यह योजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है.” इससे पहले राज्य में बागवानी फसलों के लिये भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ को भी लागू किया गया था. योजना में 21 बागवानी फसलों को शामिल किया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी राज्यों राजस्थान और पंजाब ने बाजरा की खरीद के लिये कोई योजना नहीं बनाई है. ऐसे में इन राज्यों से किसान बाजरा बेचने के लिये हरियाणा में ला सकते हैं. इसलिये राज्य सरकार ने केवल उन्ही किसानों को योजना का लाभ देने का फैसला किया है जो कि राज्य की ‘मेरी फसल- मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करायेंगे.”
एक सरकारी बयान में यह कहा गया है कि खरीफ सत्र 2021- 22 के दौरान राज्य के 2.71 लाख किसानों ने मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल पर बाजरा के लिये पंजीकरण कराया है. केन्द्र सरकार ने बाजरा के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.