नई दिल्ली: कृषि बिल के विरोध में किसानों (Farmers) का आंदोलन गुरुवार को पंजाब से लेकर हरियाणा तक पूरे दिन देखने को मिला. इस बीच दिल्ली जाने के जिद पर अड़े किसानों और पुलिस के बीच कई बार झड़प भी हुई. कुछ जगहों पर पुलिस को वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल करना पड़ा. लेकिन फिर भी किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़े रहे. शाम तक उनका आंदोलन हरियाणा (Haryana) के पानीपत पहुंचने के बाद उन्होंने रात का अपना डेरा पानीपत के टोल प्लाज (Panipat Toll Plaza) पर डाला. सुबह एक बार फिर इनका आंदोलन दिल्ली (Delhi) की तरफ कूच करेगा.
सरकार के रवैये से नाराज किसानों ने सवाल पूछा है कि क्या वे आतंकवादी हैं जो उन्हें राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. यह लोकतंत्र की मौत है. वहीं किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले नेशनल हाइवे (National Highway) नंबर 10 (हिसार-रोहतक-दिल्ली) तथा नेशनल हाइवे 44 (अंबाला-पानीपत-दिल्ली) पर यात्रा करने से बचने की बात कही. क्योंकि यदि वे इस रास्ते से जाते हैं तो लोगों को परेशान होना पड़ सकता है. यह भी पढ़े: Farmers Protest: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- 3 दिसंबर को किसानों से करेंगे बातचीत, सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार
Haryana: Farmers heading towards Delhi as part of 'Delhi Chalo' protest march, halt at Panipat toll plaza.
A protestor says, “Are we terrorists that we are not being allowed to enter the national capital. It is the death of democracy.” pic.twitter.com/sYnM6Ffk8l
— ANI (@ANI) November 26, 2020
ANI Tweet:
Haryana Police have appealed to the citizens to avoid travelling on National Highway 10 (Hisar-Rohtak-Delhi) and National Highway 44 (Ambala-Panipat-Delhi), in view of 'Delhi Chalo' protest march by the farmers' organizations: Haryana CM's Office
— ANI (@ANI) November 26, 2020
दिल्ली जाने से किसानों को रोके जाने को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा और केंद्र की सरकार पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा लाख कोशिशों के बाद भी आप किसानों का रास्ता नहीं रोक पाओगे.
"पोस्टकार्ड की अगली कड़ी" 👇👇
वॉटर केनन की बौछारें, इनसे कब हम हारे,
ये तो बस है फुहारें, फौलादी है इरादे हमारे,
रोक न पाएंगी मोदी-खट्टर सरकारें।
सुन लो खट्टर! सुन लो चौटाला!
नही मानेंगे कानून काला।
सुन लो मोदी! सुन लो शाह!
रोक न पाओगे, तुम अब राह।#FarmersDelhiProtest pic.twitter.com/tpJUv1AvtG
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2020
हालांकि केंद्र सरकार इनके उग्र आंदोलन को देखते हुए गुरुवार शाम तक दबाव में आई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ से बयान जारी हुआ कि सरकार उनसे दोबारा बात करने के लिए तीन दिसंबर का समय दे रही हैं. किसान नेताओं से सरकार की तरफ से अनुरोध है कि वे बात करने के लिए आयें. लेकिन गुरुवार देर शाम तक किसान नेताओं की तरफ से कोई प्रतिकिया नहीं आई कि वे अपना आंदोलन सरकार के इस आश्वासन के बाद खत्म करना बात करना चाहते हैं या नही.