इंदौर के होटलों में दिया जाएगा आधा गिलास पानी
मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की पहचान नवाचार करने वाले शहरों में बन गई है. अब यहां जल संरक्षण और बचत के लिए अभिनव प्रयोग किया जाने वाला है. इस क्रम में यहां के होटलों में अब ग्राहकों केा आधा गिलास पानी दिया जाएगा. यहां बीते रोज जलहठ का आयोजन किया गया.
इंदौर, 3 अक्टूबर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की व्यापारिक नगरी इंदौर (Indore) की पहचान नवाचार करने वाले शहरों में बन गई है. अब यहां जल संरक्षण और बचत के लिए अभिनव प्रयोग किया जाने वाला है. इस क्रम में यहां के होटलों में अब ग्राहकों केा आधा गिलास पानी दिया जाएगा. यहां बीते रोज जलहठ का आयोजन किया गया. इस मौके पर पानी के संकट पर चर्चा हुई, साथ ही जल का संरक्षण कैसे किया जाए इस पर संवाद किया गया. सभी ने पानी की बर्बादी को रोकने पर जोर दिया तो जल स्त्रोतों केा बचाने की बात भी कही.
इस मौके पर होटल एसोसिएशन के सुमित सूरी (Sumit Suri) ने यह घोषणा की है कि जल हठ जनअभियान में शुरुआती दौर में प्रत्येक होटल में आधा गिलास पानी देने की शुरुआत की जाएगी. ओजस फाउंडेशन द्वारा आयोजित जलहठ कार्यक्रम संबोधित करते हुए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि प्रदेश सरकार जल संरक्षण और जल बचाने के लिए संकल्पबद्ध है. राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में जन जन में जागृति लाने के हर प्रयास के लिये सहयोग दिया जा रहा है. यह भी पढ़े: COVID-19: केरल में पाबंदियो में मिली छूट, 25 अक्टूबर से राज्य के सभी थिएटर खोलने की मिली इजाजत
जलहठ के माध्यम से इंदौर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंरक्षण को लेकर लगातार कार्य किया जाएगा. इस कार्य में समाज के सभी तबकों को जोड़ने का कार्य हो रहा है. इस कार्यक्रम मे राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ निशांत खरे कहा कि देश में चैन्नई, बैंगलोर जैसे शहरों को पानी के लिए तरसते हुए देखा गया है. इंदौर में यह स्थिति न आए इसके लिए लगातार प्रयास करने होंगे.
उन्होंने कहा कि ओजस फाउंडेशन के माध्यम से जल संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया जाएगा तथा समाज के सभी वर्गों को इसमें जोड़ा जाएगा. जल संरक्षण के क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लगातार कार्य करने की जरुरत है. कार्यक्रम में मौजूद सभी प्रतिनिधियों ने जल संरक्षण के क्षेत्र में क्या नया किया जा सकता है इस संबंध में सुझाव भी दिए. प्रमुख रूप से कहा गया कि तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किया जाये. आम जनता में जनजागृति लाई जाए और शिक्षण संस्थाओं से लेकर युवाओं को जागृत किया जाये.