HAL के चेयरमैन आर माधवन का बयान, कहा- हम राफेल बनाने में सक्षम लेकिन जल्दी संभव नहीं

आर माधवन का एक बयान आया है. उनका कहना है कि 'जब (शुरू में) राफेल की बात चल रही थी तो एचएएल सक्षम था. लेकिन सरकार ने जल्द से जल्द उसे हासिल करने की आवश्यकता को देखते हुए 36 विमान खरीदने का सौदा किया. 36 विमानों को यहां पर बनाने का सवाल ही नहीं उठता है. यदि पहले की तरह होता तो कुछ विमान हम खरीदते, कुछ यहां पर बनाते.’’

आर माधवन, एचएएल के अध्यक्ष (Photo Credits ANI)

जयपुर: राफेल को लेकर हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) के अध्यक्ष आर माधवन का एक बयान आया है. उनका कहना है कि 'जब (शुरू में) राफेल की बात चल रही थी तो एचएएल सक्षम था. लेकिन सरकार ने जल्द से जल्द उसे हासिल करने की आवश्यकता को देखते हुए 36 विमान खरीदने का सौदा किया. 36 विमानों को यहां पर बनाने का सवाल ही नहीं उठता है. यदि पहले की तरह होता तो कुछ विमान हम खरीदते, कुछ यहां पर बनाते.’’

वहीं आगे आर माधवन ने कहा कि चूंकि मौजूदा सौदे में एचएएल (HAL) नहीं है. इसलिए वे इस बारे में और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. इससे पहले उन्होंने राजस्थान के उदयपुर में 33वीं इंडियन इंजीनियरिंग कांग्रेस को संबोधित किया. यह भी पढ़े: राफेल विवाद: HAL चीफ आर माधवन ने खोली विपक्ष के दावों की पोल, कहा- हम कभी भी डील के लिए दावेदार नहीं थे

बता दें कि कांग्रेस यही सवाल उठाती रही है कि जब सरकारी कंपनी एचएएल राफेल विमान बनाने में सक्षम है तो प्राइवेट कंपनी रिलायंस को क्यों इसमें शामिल किया गया. कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार ने फ्रांस की एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन के साथ 126 राफेल विमानों का सौदा किया था, जिसमें से 108 विमानों का निर्माण लाइसेंस्ड प्रोडक्शन के तहत एचएएल द्वारा किया जाता और 18 विमानों का निर्माण फ्रांस में कर उसे भारत लाया जाता. ये विमान भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जाने थे. ज्ञात हो कि मोदी सरकार ने साल 2015 में फ्रांस की सरकार के साथ दूसरा सौदा कर किया, जिसमें 126 के बजाय सिर्फ 36 राफेल विमानों की खरीद की गई. इस विमान में ऑफसेट पार्टनर रिलायंस है.

Share Now

\