Gyanvapi Case: 'पूजा और नमाज अपनी-अपनी जगह रहें जारी', ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर CJI का आदेश
Supreme Court | PTI

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने 'व्यास तहखाना' के अंदर देवताओं की पूजा करने की अनुमति दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि 17 जनवरी और 31 जनवरी (तहखाना के अंदर पूजा की अनुमति) के आदेशों के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में बिना किसी बाधा के 'नमाज' पढ़ी जाती है और हिंदू पुजारी द्वारा 'पूजा' की पेशकश तक ही सीमित है. 'तहखाना' क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखना उचित है ताकि दोनों समुदाय उपरोक्त शर्तों के अनुसार पूजा करने में सक्षम हो सकें. VIDEO: CM योगी बोले- हमने सिर्फ 3 जगह मांगी...अयोध्या, ज्ञानवापी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, 'काशी में नंदी बाबा ने बैरिकेडिंग हटवा दी'

ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर CJI ने आदेश दिया कि 'पूजा और नमाज अपनी-अपनी जगह रहें जारी'सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (1 अप्रैल) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के व्यास तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमिटी की याचिका पर सुनवाई हुई. मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश लागू करने के लिए 1 हफ्ते का समय दिया, लेकिन सरकार ने इसे तुरंत लागू कर दिया. हाईकोर्ट से भी हमें राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट को तुरंत इस पर रोक लगाना चाहिए. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले पर नोटिस जारी कर किसी और तारीख पर सुनवाई का संकेत दिया. हालांकि, मस्जिद पक्ष के वकील ने पूजा पर तत्काल रोक की मांग पर अपनी दलीलें रखीं.

चीफ जस्टिस ने इस दौरान कहा कि तहखाने का प्रवेश दक्षिण से है और मस्जिद का उत्तर से. दोनों एक-दूसरे को प्रभावित नहीं करते. हम यह निर्देश देते हैं कि फिलहाल नमाज और पूजा दोनों अपनी-अपनी जगहों पर जारी रहे.

दरअसल, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदुओं को पूजा की अनुमति देने वाले निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा गया. कमिटी वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामलों का प्रबंधन करती है. निचली अदालत ने 31 जनवरी को अपने आदेश में हिंदुओं को तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी थी.