आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय ने एक बार फिर अपना आंदोलन शुरू किया है. आंदोलनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी है. बता दें कि गुर्जर समुदाय प्रदेश में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. आज इसी मांग को लेकर गुर्जर समाज ने महापंचायत की. पंचायत के बाद आंदोलन का ऐलान किया गया. गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जरों का नेतृत्व कर रहे हैं. आंदोलन के कारण दिल्ली-मुंबई रूट पर चलने वाली 22 ट्रेनें प्रभावित हैं. इनमें से दो ट्रेनों को रद्द किया गया है और 20 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है. रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर(0744-2467153, 0744-2467149) जारी किया है.
इस बीच, राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो गुर्जर नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास करेगी. गौरतलब है कि राज्य में गुर्जरों आंदोलन का यह मुद्दा 14 साल से चल रहा है. गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 5 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहा है. इस आरक्षण में गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोग शामिल हैं.
सीएम गहलोत ने की शांति की पहल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आंदोलन शुरू होते ही सरकार ने मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. इसमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व समाज कल्याण मंत्री भंवर लाल मेघवाल को शामिल किया गया है. समिति आंदोलनकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करेगी. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी.
इस समय अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है. गुर्जर संघर्ष समीति (GSS) नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, "हम अपने समुदाय के लिए उसी तरह पांच फीसदी आरक्षण चाहते हैं, जिस तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. सरकार की ओर से हमारी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. कोई हमसे बातचीत करने भी नहीं आया है, इसलिए हमें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है.