अहमदाबाद: गोधरा रेल नरसंहार (Godhra Riots) के करीब 17 साल बाद गुजरात (Gujarat) सरकार ने गुरुवार को 52 पीड़ितों में से प्रत्येक के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में सरकार ने कहा कि यह फैसला गुजरात उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश के मुताबिक लिया गया है. यह मुआवजा मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा.
गोधरा में रेल यात्रियों को जलाए जाने की घटना के बाद 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों में 1,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी जिनमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के थे.
विज्ञप्ति में कहा गया कि इस आगजनी में कुल 59 लोगों की जान गई थी जिनमें से सात लोगों की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई. मुआवजे के तौर पर 52 पीड़ितों के परिजनों के बीच कुल 260 लाख रुपये दिये जाएंगे.
इसमें कहा गया कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के साथ ही रेलवे को भी निर्देश दिया था कि वह इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दे.
सरकार और रेलवे दोनों से पीड़ितों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने को कहा गया था. इस तरह प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये मिलेंगे.
विज्ञप्ति के मुताबिक गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग लगा दी गई थी. इसमें 59 लोगों की जान गई थी.