Gujarat Bridge Collapse: मोरबी हैंगिंग ब्रिज गिरने की घटना में मरने वालों की संख्या हुई 132, बचाव कार्य अब भी जारी
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी (Harsh Sanghvi) ने सोमवार को कहा कि मोरबी हैंगिंग ब्रिज (Morbi Hanging Bridge) गिरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है. गुजरात के गृह मंत्री ने आगे बताया कि घटना के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है...
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी (Harsh Sanghvi) ने सोमवार को कहा कि मोरबी हैंगिंग ब्रिज (Morbi Hanging Bridge) गिरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है. गुजरात के गृह मंत्री ने आगे बताया कि घटना के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. संघवी ने कहा, "रेंज आईजीपी के नेतृत्व में आज जांच शुरू हो गई है." रात भर सब काम करते रहे. नौसेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत बल), वायु सेना और सेना तुरंत मौके पर पहुंच गई.. 200 से अधिक लोगों ने पूरी रात खोज और बचाव अभियान में काम किया है." यह भी पढ़ें: गुजरात में मौत का तांडव: मोरबी में पुल टूटने से 77 लोगों ने गवांई जान, रेस्क्यू में जुटे एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो
अधिकारियों के अनुसार, पुल गिरने के बाद माचू नदी में गरकाव (Garkaw) पीड़ितों को खोजने के लिए सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड सहित टीमों ने रात भर तलाशी अभियान चलाया. घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्षभाई सांघवी, मंत्री बृजेशभाई मेराजा और राज्य मंत्री श्री अरविंदभाई रैयानी आधी रात को घटनास्थल पर पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से बचाव अभियान का जायजा लिया और निर्देश दिए.
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जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार हादसे के बाद तत्काल व्यवस्था को सक्रिय किया गया और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया.
इसके अलावा अन्य जगहों से भी टीमें मौके पर पहुंचने लगी हैं. विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों, राजकोट पीडीयू अस्पताल और सुरेंद्रनगर सिविल अस्पताल के लगभग 40 डॉक्टरों ने मोरबी सिविल अस्पताल में घायलों का आपातकालीन उपचार शुरू किया. पुल गिरने के बाद राजकोट नगर निगम की नाव और लाइफ जैकेट समेत बचाव सामग्री मोरबी पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया.
घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए राजकोट, जामनगर, जूनागढ़ महानगर पालिका और मोरबी नगर पालिका से इमरजेंसी एंबुलेंस रात भर दौड़ती रहीं. बचाव अभियान में कई निजी एंबुलेंस भी शामिल थीं. सुरेंद्रनगर से सेना की टीम अपनी तीन एम्बुलेंस और उपकरणों के साथ शामिल हुई, अधिकारियों को सूचित किया.