Farm Laws: कृषि कानूनों की वापसी पर बोले राकेश टिकैत- 750 लोगों की मौत के बाद जागी सरकार

किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हमारे 750 लोगों की मौत के बाद सरकार जाग गई. उन्होंने 3 कृषि कानूनों को कहां वापस लिया? कागज कहां हैं? जब तक सरकार कागज़ नहीं दिखाएगी, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे, हम अपने लौंट जायेंगे.

किसान नेता राकेश टिकैत (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: तीनों कृषि कानूनों का पिछले एक साल से विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) ने शुक्रवार को वापस ले लिया. सरकार द्वारा वापस लेने के इस फैसले का किसान नेताओं ने अपनी जीत बताया है. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि हमारे 750 लोगों की मौत के बाद सरकार जाग गई. हालांकि टिकैत ने यह भी कहा कि  3 कृषि कानूनों को कहां वापस लिया? कागज कहां हैं? जब तक सरकार कागज़ नहीं दिखाएगी, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे. तब हम अपने घर लौंटेंगे.

सरकार के इस फैसले के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह (Darshan Pal Singh) ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं. लेकिन इसका श्रेय किसान संगठन, किसान आंदोलन और संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है. मैं किसानों को बधाई देता हूं. हमारा संघर्ष जारी रहेगा. एक दो-दिन में हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाएंगे उसमें फ़ैसला लेंगे. यह भी पढ़े: Farm Laws: अखिलेश यादव बोले- डर कर सरकार ने वापस लिए कृषि कानून, चुनाव के बाद फिर ला सकती है

वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा,  कि सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला देरी से लिया है. यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है. चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला लिया है.वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का क़ानून भी वापस लेगी.

दरअसल पीएम मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का फैसला किया है गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर, मोदी ने यह भी घोषणा की कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया को लिया जाएगा और आंदोलनकारी किसानों से अपना आंदोलन वापस लेने और वापस उनके घर लौट जाने की अपील की.

पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में माफी मांगते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि कुछ किसान अभी भी हमारे ईमानदार प्रयासों से आश्वस्त नहीं हैं। हमने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है। इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद सत्र के दौरान पूरी हो जाएगी जो इस महीने के अंत में शुरू होगी.

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