मदरसा शिक्षकों को प्रशिक्षण देगी केंद्र सरकार, उच्च शिक्षण संस्थानों से किए करार
मदरसा (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही मदरसा शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रही है.  इसके लिए जामिया मिलिया इस्लामिया, एएमयू और कुछ अन्य संस्थानों के साथ करार किया गया है. यह कार्यक्रम पूरे साल चलेगा.

सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय मदरसा शिक्षकों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है. मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (एमएईएफ) द्वारा संचालित होने वाले इस कार्यक्रम के तहत मदरसा शिक्षकों को 40-40 के बैच में प्रशिक्षित किया जाएगा. यह प्रशिक्षण कम से कम 15 दिन का होगा और जरुरत पड़ने पर अवधि बढाई भी जा सकती है.

एमएईएफ के सचिव रिजवानुर रहमान ने बताया कि, 'आप जानते हैं कि 3टी (टीचर, टिफिन और टॉयलेट) योजना अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और मंत्रालय की महत्वाकांक्षी पहल है. इसके तहत हम मदरसा शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि उनके शिक्षण कौशल में सुधार हो सके. इसी प्रयास के तहत हमने देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों के साथ करार किया है और आगे भी करेंगे.

उन्होंने कहा, 'मुख्यधारा के संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के पास बी.एड, एम.एड तथा अन्य डिप्लोमा होते हैं और उनके प्रशिक्षित होने का फायदा बच्चों को मिलता है. मदरसों में ऐसा नहीं है. अगर मदरसे के शिक्षक भी प्रशिक्षित होंगे तो इसका फायदा मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगा.

रहमान ने कहा, 'शुरुआती तौर पर हमने कुछ मदरसों को चिन्हित किया है. धीरे-धीरे हम सभी मदरसों को इस कार्यक्रम के दायरे में लाएंगे.