नई दिल्ली : प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को सस्ते आवास मुहैया कराने के लिये ऋण सब्सिडी योजना (Credit Linked Subsidy Scheme) में कर्ज देने वाली संस्थाओं द्वारा ऋण स्वीकृत नहीं करने या विलंब करने की शिकायतें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को मिल रही हैं.
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्वीकार किया कि ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा ऋण संबद्ध सब्सिडी के आवेदन स्वीकृत नहीं करने या देरी करने की शिकायतें मिली हैं.
यह भी पढ़ें : एचडीएफसी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी के रूप में बाटे 2,300 करोड़ रुपये
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने दो केन्द्रीय नोडल एजेंसियों, राष्ट्रीय आवासीय बैंक (National Housing Bank) और हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन (Housing and Urban Development Corporation) के साथ इस संबंध में उत्पन्न मामलों की समीक्षा करता है. पुरी ने बताया कि मंत्रालय और सीएनए में इस तरह की शिकायतों के निवारण के लिये एक तंत्र स्थापित किया है.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 6.43 लाख लाभार्थियों को उनके आवास ऋण खातों में 14,482 करोड़ रुपये की ऋण सब्सिडी दी जा चुकी है. इनमें ईडब्ल्यूएस और निम्न आय वर्ग के 4.49 लाख लाभार्थियों को 10,386 करोड़ रुपये और 1.94 करोड़ रुपये मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लाभार्थियों को 4096 करोड़ रुपये शामिल हैं.