नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 3.6 लाख करोड़ रुपये की मांग करने से जुड़ी खबर को खारिज करते हुए इसे गलत सूचनाओं पर आधारित कयासबाजी करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और देश का राजकोषीय घाटा लक्ष्य के अनुरूप है.
सुभाष चंद्र गर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 फीसदी बजटीय अंतर का लक्ष्य हासिल करेगी. हालांकि उन्होंने बताया कि सरकार और आरबीआई के बीच विचाराधीन जो प्रस्ताव है, वह आरबीआई की समुचित आर्थिक पूंजीगत रूपरेखा तय करने को लेकर है.
Lot of misinformed speculation is going around in media. Government’s fiscal math is completely on track. There is no proposal to ask RBI to transfer 3.6 or 1 lakh crore, as speculated. (continued...).— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) November 9, 2018
गर्ग ने ट्वीट के जरिए कहा, "गलत सूचना पर कयासबाजी मीडिया में चल रही है. सरकार का राजकोषीय गणित पूरी तरह दुरुस्त है. आरबीआई को 3.6 लाख करोड़ रुपये या एक लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के लिए कहने का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है जैसा कयास लगाया जा रहा है."
उन्होंने एक अन्य ट्वीट के जरिए दृढ़ता के साथ कहा कि सरकार के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य समीचीन है. गर्ग ने कहा, "सरकार ने दरअसल इस साल बाजार से उधारी का 70,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है."
पिछले सप्ताह खबर आई थी कि सरकार ने आरबीआई को उसकी आरक्षित निधि से 3.6 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने को कहा, लेकिन केंद्रीय बैंक ने मना कर दिया.