मुंबई: महाराष्ट्र सदन घोटाला व मनी लॉन्ड्रिंग मामला में फंसे राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री व एनसीपी नेता छगन भुजबल (Chhagan bhujbal) फिलहाल जमानत पर है. उन्होंने मुंबई से सटे ठाणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सूबे की सरकार (Government) पर जम कर हमला बोला है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार तय करती है कि किसे जेल में रखना है और किसे बाहर रखना है. सरकार जिसे नहीं चाहती है उसे जेल में डाल दिया जाता है और जिसे चाहती है उसे बाहर आजाद छोड़ दिया जाता है.
भुजबल ने अपने बयान के दौरान बताया कि इन प्रमुख मामले में उन्हें जानबूझकर फसाया गया. जिसके लिए पहले उनके खिलाफ साजिश रची गई फिर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. उन्हें जानबूझकर ढाई साल तक जेल में कैद रखा गया, जबकि गोविंद पानसरे और नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के आरोप में पकड़े गए लोगों को 90 दिन के भीतर आरोप पत्र न दायर किए जाने से जमानत पर छोड़ दिया गया. यह भी पढ़े: दो साल जेल में रहने के बाद जमानत पर घर लौटे भुजबल
वहीं उनके केस में उन्हें बाद में बताया गया कि काम के बोझ के चलते पुलिस को उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने का समय नहीं मिला, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. इस दौरान उन्होंने बताया कि वे खुद प्रदेश के गृहमंत्री थे और पुलिस को ऐसे मामले में स्वतंत्र जवाबदारी देनी चाहिए, लेकिन उनके प्रति सरकार की नियति ठीक नहीं थी. इसलिए उन्हने जेल में इतने दिनों तक रखा गया. जबकि महाराष्ट्र सदन के निर्माण में सरकार का एक रुपया भी नहीं लगा था और उन पर जानबूझकर कई हजार करोड़ के भ्रष्टाचार का झूठा आरोप लगाया गया और फंसाया गया. यह भी पढ़े: एनसीपी प्रमुख शरद पवार से छगन भुजबल ने की मुलाकात
बता दें कि एनसीपी नेता छगन भुजबल यह बयान ठाणे में रविवार को अखिल भारतीय माली महासंघ की तरफ से मौर्य, माली, शाक्य, सैनी, कुशवाहा समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन के आयोजन के दौरान दिया है. इसमें बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष छगन भुजबल और उद्घाटक के रूप में यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य उपस्थित थे. ज्ञात हो कि छगन भुजबल एनसीपी में एक बड़े नेता के रूप में जाने जातें है और वे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के काफी करीबी नेता माने जातें है.