
Nashik To get Airbus Repair Centre: महाराष्ट्र के नासिक जिले में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर हैं. यह शहर आने वाले दिनों में पैसेंजर प्लेन रिपेयरिंग का प्रमुख केंद्र बन सकता हैं. ऐसे इसलिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नासिक प्रोजेक्ट में 'A-320' के पहले यात्री विमान की मरम्मत की गई है. मरम्मत के बाद इस विमान को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को सौंपा गया. मरम्मत के लिए केंद्र में दो और यात्री विमान आए हैं. नासिक के इस केंद्र में पहले लड़ाकू विमानों का निर्माण होता था, लेकिन पैसेंजर प्लेन के रिपेरिंग के चलते अब यह यात्री विमानों की देखभाल और मरम्मत का केंद्र बन रहा है.
देश में एकमात्र ऐसी सुविधा
HAL ने नाशिक में कामार्सियक विमान कंपनियों को सेवा देने के लिए एकीकृत देखभाल, मरम्मत और ओवरहॉल केंद्र स्थापित किया है. एयरबस के सहयोग से A-320 जैसे लघु से मध्यम दूरी के यात्री विमानों की देखभाल और मरम्मत की सुविधा यहां दी जा रही है. HAL के इस सेवा को लेकर यह देश में इस तरह की एकमात्र सुविधा है. इसको लेकर HAl से नवंबर 2023 में एक समझौता हुआ था. इसके अनुसार, पहले A-320 विमान की मरम्मत पूरी की गई. वहीं स्टार एयर कंपनी के दो और विमान मरम्मत के लिए केंद्र में आए हैं. बताना चाहेंगे कि एशिया में एयरबस के सभी यात्री विमानों की मरम्मत इस केंद्र में की जाएगी. यह भी पढ़े: Air India First Airbus Photos: एयर इंडिया ने रचा इतिहास, भारत पहुंचा पहला बाहुबली A-350 एयरबस विमान
ऐसे होगी मरम्मत
यात्री विमानों की देखभाल और मरम्मत तीन स्तरों पर की जाती है. जिसमें विशेष उड़ान घंटों के बाद, हवाई यातायात ऑपरेटर अपने स्तर पर प्राथमिक जांच करेगे. इसके बाद, हर 18 से 24 महीनों में गहरी जांच की जाती है, जिसमें विमान के उपकरण, इंजन, ब्रेक, गियर, संरचनात्मक भाग, और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की जांच की जाती है. इस केंद्र की वजह से अब विमान के एअरफ्रेम की मरम्मत और देखभाल देश में ही हो सकेगी, जिससे विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी. विमान कंपनियों के राजस्व की बात करें तो लगभग 13% हिस्सा मरम्मत और देखभाल पर खर्च होता है. वर्तमान में 250 करोड़ रुपये के करीब होने वाला यह व्यवसाय कुछ वर्षों में 500 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है.
मिग और सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों का HAL पहले बनाता और मरम्मत करता था
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहले मिग और सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों के निर्माण और मरम्मत का काम करता था. लेकिन अब निजी यात्री विमानों के मरम्मत क्षेत्र में भी कदम रख चुका है.