कृषि कानूनों की वापसी के बाद MSP पर नरम पड़ी सरकार! चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से मांगे 5 प्रतिनिधियों के नाम
केंद्र सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं. किसान नेता दर्शन पाल ने आईएएनएस से इस खबर कि पुष्टि करते हुए कहा कि, 5 नामों को लेकर हमारे एक साथी के पास एक फोन आया था, सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एमएसपी (MSP) से संबंधित मसले पर बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं. किसान नेता दर्शन पाल ने आईएएनएस से इस खबर कि पुष्टि करते हुए कहा कि, 5 नामों को लेकर हमारे एक साथी के पास एक फोन आया था, सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं. हालांकि दर्शन पाल ने सरकार के काम करने के तरीके पर भी नाराजगी व्यक्त की उन्होंने कहा कि, सरकार का काम करने के तरीका बेहद गलत है यदि सरकार को 5 नाम चाहिए तो एसकेएम को आधिकारिक पत्र लिख नाम मांगने चाहिए, पता नहीं सरकार ऐसा क्यों नहीं करती है ? अभी हमारे पास एक फोन और भी आया है कि हरियाणा के किसानों के ऊपर से मुकदम्मे हटाए जाएंगे, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है.
उन्होंने आगे बताया कि, हम 5 लोगों के नामों को लेकर 4 दिसंबर को फैसला लेंगे, बुधवार को होने वाली बैठक में इसपर फैसला नहीं करेंगे. जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के एक संगठन के पास 5 मांगो को लेकर फोन आया, वहीं अधिकतर किसान नेताओं को फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है. दरअसल तीनों कानून वापसी के बाद किसान अब मांग कर रहें हैं कि, सरकार एमएसपी गारंटी का कानून बनाए, किसानों पर दर्ज केस वापस ले, जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है उन्हें मुआवजा दिया जाए. यह भी पढ़े: Farmers Protest: कृषि बिल वापस करने की मांग पर अड़े किसान, राकेश टिकैत ने कहा-जब तक MSP पर कानून नहीं बनेगा हम यहां से नहीं जाएंगे
इसके अलावा लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर भी किसानों ने सरकार से कहा है. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को प्रदर्शन करते हुए एक साल हो चुका है. वहीं किसानों ने अब तक आंदोलन वापस नहीं लिया है. किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार किसान संगठनों के साथ एमएसपी को लेकर जल्द चर्चा करेगी.