लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी (PM Modi) के हेलिकॉप्टर की जांच करने के बाद सुर्खियों में आए आईएएस (IAS) अधिकारी मोहम्मद मोहसिन (Mohammed Mohsin) ने इस पूरे मामले पर पहली बार उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्हें फिलहाल कर्नाटक वापस भेज दिया गया है. लेकिन उन्होंने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और वह अपने ऊपर लगे आरोपों से परेशान है. बता दें कि चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच करने को लेकर आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन 16 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था.
मोहम्मद मोहसिन ने अपना बयान में कहा है कि 'मैंने सख्ती से नियमों और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों पालन करते हुए काम किया. मैंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया और मैंने इस मामले में कोई गलत काम नहीं किया. इसके बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई हुई जो गलत है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि यही वजह है कि मैंने उनसे अपने खिलाफ रिपोर्ट की एक प्रति मांगी थी. लेकिन तरफ से अभी तक प्रति नहीं दिया गया. ऐसेम मैं अंधेरे में इस मामले को लड़ रहा हूं.' यह भी पढ़े: जानें कौन है IAS अधिकारी मोहम्मद मोहसिन, जिन्होंने ओडिशा में PM मोदी के काफिले की ली थी तलाशी
क्या है पूरा मामला
1996 कैडर के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन घटना के समय ओडिशा की संबलपुर लोकसभा सीट पर सामान्य पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात थे. पीएम मोदी पार्टी की जीत के लिए यहां पर एक रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए थे. चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार मोहसिन ने दिशा-निर्देशों के अनुरूप काम नहीं किया. जिसके लिए जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट मांगा गया था. मोहम्मद मोहसिन ओडिशा में चुनाव आयोग के तहत सामान्य पर्यवेक्षक थे.
मोहम्मद मोहसिन का मामले पर सफाई
बता दें कि गुरुवार को चुनाव आयोग ने मोहम्मद मोहसिन का निलंबन रद्द कर दिया लेकिन सिफारिश की है कि कर्नाटक सरकार जिन्हें अब वो रिपोर्ट करते हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करे. ऐसे में मोहसिन ने अपने ऊपर लगे आरोपो पर सफाई देते हुए कहा है कि जब यह कथित घटना हुई उस समय मै वहां मौजूद ही नहीं था. मुझे नहीं पता कि हेलीपैड पर क्या हुआ. मैंने केवल मीडिया रिपोर्ट्स पढ़ी हैं जिनकी न तो मैं पुष्टि करता हूं और न ही खारिज.'